अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर तैयारियां अंतिम दौर में पहुंच गई हैं। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के क्रम में पांचवें दिन शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला के नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में जलाधिवास अनुष्ठान हुआ।
इसके तहत सरयू नदी के पवित्र जल से गर्भगृह को धोया गया। इसके बाद वास्तु शांति और अन्नाधिवास अनुष्ठान हुआ। इसमें मूर्ति को गेहूं और धान आदि अन्न के भंडार में ढककर मंत्रोचारण किया जाता है।
वास्तु शांति के बाद रामलला को सिंहासन पर विराजमान किया गया। इससे पहले रारामलला के विग्रह को पहले शर्करा अधिवास और उसके बाद फलाधिवास में रखा गया।
उधर, जन्मभूमि परिसर में बने अस्थायी मंदिर में रामलला के दर्शन बंद हो गए हैं। अब 23 जनवरी से देशवासियों को दर्शन देंगे। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के यजमानों में 14 जोड़ों को शामिल किया गया है। यजमानों में समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हैं।
81 कलशों के जल से हुआ अभिषेक
अनुष्ठान की कड़ी में रामलला के अचल विग्रह का औषधियुक्त 81 कलशों के जल से अभिषेक किया गया। इसी क्रम में रामलला के नए प्रासाद यानी महल का अधिवासन किया गया। जल से पूरे महल को स्नान कराया गया।