केंद्र सरकार ने दो टूक कहा है कि हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी की सेवानिवृत्ति या मृत्यु होने पर ही न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) का पैसा लौटा पाएंगे।
इस बारे में पीएफआरडीए ने हिमाचल सरकार को एक स्पष्टीकरण भेजा है। केंद्र में राज्य सरकार के 8000 करोड़ रुपये फंसे हैं। एनपीएस में हर साल सरकारी कर्मचारियों के 1500 से 1600 करोड़ रुपये जमा हो रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को धरातल पर लागू करना वर्तमान सरकार के लिए बड़ी चुनौती हो गई है। सरकार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।
केंद्र सरकार की एजेंसी पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के पास कर्मचारियों और राज्य सरकार के 8000 करोड़ फंसे हैं, जो एनपीएस पेंशन के रूप में सेवानिवृत्ति के बाद देय होते हैं।
नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत सरकारी कर्मचारी अपनी तनख्वाह के मासिक 10 प्रतिशत का हिस्सा पीएफआरडीए जमा करते हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से 14 प्रतिशत शेयर जमा किया जाता है।
राज्य सरकार के एक अधिकारी ने माना है कि इस संबंध में पीएफआरडीए का स्पष्टीकरण आया है कि एनपीएस का पैसा केवल दो परिस्थितियों में ही वापस किया जा सकता है।
ये सेवानिवृत्ति और मृत्यु की स्थिति में ही वापस कर सकते हैं। इस संबंध में अन्य राज्यों को भी इसी तरह से स्थिति साफ की जा चुकी है।