बजट के साथ बंद होगी एनपीएस कटौती, ओल्ड पेंशन बहाली बजट भाषण में की जा रही शामिल

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हिमाचल में ओल्ड पेंशन को लागू करने के लिए न्यू पेंशन स्कीम में जा रही कंट्रीब्यूशन को बंद करने का फैसला नए बजट के साथ ही होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पहले बजट भाषण में ओल्ड पेंशन को बहाल करने को भी शामिल किया जा रहा है।

 

 

यह कैसे बहाल होगी, इस प्रक्रिया को भी बजट ही स्पष्ट करेगा। इसलिए एनपीएस कंट्रीब्यूशन की वेतन से कटौती भी नए बजट के साथ बंद होगी। हिमाचल सरकार ने 13 जनवरी, 2023 को हुई पहली कैबिनेट की बैठक में ओल्ड पेंशन को लागू करने का फैसला लिया था और 17 जनवरी को इस बारे में ऑफिस मेमोरेंडम जारी हुआ था।

इसके बाद वित्त विभाग ने ओल्ड पेंशन को लेकर क्लेरिफिकेशन के लिए फाइल विधि विभाग को भेजी है। इसकी अगली प्रक्रिया में वित्त विभाग नए पेंशन रूल ड्राफ्ट कर रहा है। इसके साथ ही कैबिनेट में हुए फैसले के अनुसार स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी किए जाएंगे।

लेकिन ओल्ड पेंशन को बजट के साथ इसलिए भी जोड़ा जा रहा है, क्योंकि राज्य सरकार केंद्र सरकार से मिले एक ऑफर का लाभ लेना चाह रही है। दरअसल भारत सरकार ने एनपीएस में जा रही कंट्रीब्यूशन के बदले अतिरिक्त लोन लेने का ऑफर दिया था।

अब वर्तमान वित्त वर्ष में इस राशि के बराबर लोन लिया जा सकता है। राज्य सरकार इस कंट्रीब्यूशन के तौर पर 1700 करोड़ दे रही है, जिसमें सरकार और कर्मचारियों दोनों का हिस्सा है। इसलिए 31 मार्च, 2023 तक की कंट्रीब्यूशन के बदले लोन लिया जा सकता है।

यही वजह है कि इसके बाद ही एनपीएस में हो रही कटौती बंद होगी। तब तक सरकार की ओर से नए पेंशन रूल्स भी जारी हो जाएंगे। दरअसल पेंशन की पात्रता के लिए 10 साल रेगुलर सर्विस की शर्त पहले से लागू ओल्ड पेंशन की व्यवस्था में है।

इस शर्त का क्या करना है, यह नए पेंशन रूल से पता चलेगा। यही नहीं, जीपीएफ की व्यवस्था फिर से शुरू करने के लिए भी रूल्स नए आ रहे हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना बताते हैं कि ओल्ड पेंशन को लेकर पेंशन और जीपीएफ के लिए नए रूल बनाए जा रहे हैं।

इसके लिए विधि विभाग से कंसल्टेशन जरूरी है और वित्त विभाग अभी उसी प्रक्रिया में है। पहली कैबिनेट में हुए फैसले के अनुसार ओल्ड पेंशन को बहाल किया जाएगा।

हिमाचल सरकार को फरवरी और मार्च के महीने में लोन की बड़ी राशि उठानी होगी। इस साल की मंजूरशुदा लोन लिमिट को इस्तेमाल करने के लिए भी यह जरूरी है।

राज्य के सरकारी कर्मचारियों की 11000 करोड़ की देनदारी को लेकर मुख्यमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि अगले बजट में राज्य का राजस्व बढ़ाने के लिए भी कोई बड़े कदम दिख सकते हैं।

अगले साल के लिए हिमाचल को लोन लिमिट उतनी नहीं मिलेगी, क्योंकि राज्य सरकार ने खुद एफआरबीएम में हुए संशोधन में लोन की लिमिट को 2.50 फीसदी कम कर दिया है। इसलिए वर्तमान वित्त वर्ष के आखिरी दो महीने फरवरी और मार्च ही बड़ा लोन लेने के लिए उपयुक्त हैं।

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