हिमाचल सरकार ने बिजली की सप्लाई और उपयोग पर दो तरह के सेस लगाने का फैसला किया है। इससे राज्य में बिजली महंगी हो जाएगी। इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में सोमवार को एक बिल रखा है, जिसे मंगलवार को मानसून सत्र के आखिरी दिन पारित किया जाएगा।
इसके लिए राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश विद्युत शुल्क अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। यानी इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी रेट नहीं बदले जाएंगे, लेकिन अतिरिक्त सेस इसमें जुड़ जाएगा। विधानसभा में रखे गए विधेयक के माध्यम से धारा-3 में दो उपधाराएं जोड़ी गई हैं।
पहली धारा में मिल्क सेस को जोड़ा गया है, जबकि दूसरी धारा में एन्वायरनमेंट सेस ऐड किया गया है। इस विधेयक के उद्देश्य और कारणों में बताया गया है कि राज्य सरकार दुग्ध उत्पादन बढ़ाना और उत्पादकों के हित में कुछ फैसला लेना चाहती है।
दूसरी तरफ, हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सोलर पावर में उत्पादन बढ़ाना होगा। इसलिए इस दो प्रकार के सेस से आने वाला पैसा ऊर्जा विभाग की यहां जमा होगा और इन्हीं दो उद्देश्यों पर खर्च किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश विद्युत शुल्क अधिनियम 2009 में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को अलग-अलग कैटेगरी में तय किया गया है। यह शुल्क घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर कॉमर्शियल, इंडस्ट्रियल, एग्रीकल्चरल और वाटर सप्लाई के बिजली उपभोग पर लगता है। इसकी दरों में बदलाव नहीं हुआ है।
इस कानून को हिमाचल विधानसभा में 20 अगस्त 2009 को पारित किया गया था। इसके बाद इसमें 9 सितंबर 2010 में संशोधन किया गया है, जो 23 जुलाई 2010 से प्रभावी हुआ है। इस विधेयक के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं पर सिर्फ मिल्क सेस लगेगा, जबकि कमर्शियल और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं पर दोनों तरह के साहस लागू होंगे।
छह रुपए तक एन्वायरनमेंट सेस
बिजली के उपभोग पर लगने वाला एन्वायरनमेंट सेस दो पैसे प्रति यूनिट से लेकर छह रुपए प्रति यूनिट तक होगा। बिल में किए गए प्रावधान के अनुसार छोटे उद्योगों पर दो पैसे प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों पर चार पैसे प्रति यूनिट, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे प्रति यूनिट, कॉमर्शियल बिजली पर 10 पैसे प्रति यूनिट, टेंपरेरी कनेक्शन पर दो रुपए प्रति यूनिट, स्टोन क्रशर पर दो रुपए प्रति यूनिट और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन पर छह रुपए प्रति मिनट के दर से सेस लगेगा।
10 पैसे प्रति यूनिट होगा मिल्क सेस
मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से सोमवार को विधानसभा में रखे गए बिल के मुताबिक बिजली के उपभोग पर प्रति यूनिट 10 पैसे का मिल्क सेस लगाया जाएगा।
जिन उपभोक्ताओं को पहले से ही जीरो बिल आता है, उन्हें यह सेस नहीं देना होगा। बाकी सभी केटेगिरी पर यह एक ही दर से लागू होगा। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने यदि इस दर को बढ़ाना हो, तो एक वक्त में 50 फ़ीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी। इससे आने वाले पैसे को मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाने पर खर्च किया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने मंडी स्थित अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय के कानून में संशोधन किया है। सोमवार को संशोधन विधेयक को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्व विद्यालय संशोधन विधेयक को सदन में पारण हेतु रखा। विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया।
अब अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय में वित्त कमेटी का गठन होगा। वित्त सचिव इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्व विद्यालय में कर्मचारियों की भर्ती, पदोन्नति, वेतन व भत्तों के निर्धारण के साथ साथ पदों के सृजन का जिम्मा इस कमेटी का होगा।
कमेटी तमाम वित्तीय मामलों को लेकर सरकार से विचार-विमर्श करेगी। प्रदेश सरकार अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्व विद्यालय को वित्त पोषित करती है, बावजूद इसके कर्मचारियों के वित्तीय मसलों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। लिहाजा सरकार ने अटल आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान विश्व विद्यालय के कानून में संशोधन कर दिया है।
नौणी यूनिवर्सिटी में रद्द होगी डेपुटेशन
सदन में संजय रतन के सवाल के जवाब में बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि पूर्व सरकार में नौणी विश्वविद्यालय में बाहर से लोगों की डेपुटेशन की गई है। यह नियुक्ति निदेशक अनुसंधान और निदेशक विस्तार के पदों पर की गई है, जिस पर अब तक डेढ करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च हुई है। अब इसे रद्द किया जाएगा। पूर्व सरकार के फैसले को बदलते हुए यह डेपुटेशन रद्द कर रहे हैं।
नहीं बेच रहे पालमपुर विश्वविद्यालय की जमीन
शिमला — पालमपुर की जमीन साढ़े सात कनाल जमीन विश्वविद्यालय के पास है। यह गलत आरोप हैं कि उस जमीन को बेचा जा रहा है। सीएम सुक्खू विपिन परमार द्वारा उठाए गए मामले पर सदन में जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए बातें कही जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों के कमरों में कोई महंगी लाइटें या महंगा सामान नहीं लगाया जा रहा है। सीएम ने कहा कि विधायक फैक्ट पर बोलें। ये बातें सदन में विधायक विपिन परमार ने कही थीं और इन बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया गया।
16 निजी विश्वविद्यालयों में विधायकों का मनोनयन
हिमाचल प्रदेश में मौजूद 16 निजी विश्वविद्यालयों के निदेशक मंडल में प्रदेश विधानसभा के दो-दो विधायक मनोनीत होंगे। इनके मनोनयन के लिए सदन में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने प्रस्ताव पेश किया जिसे मंजूरी दे दी गई।
विधायकों का मनोनयन दो साल के लिए निदेशक मंडल में होगा। प्रत्येक में दो विधायकों को रखा जाएगा। जिन विश्वविद्यालयों पर ये नियम लागू होंगे उनमें अरनी यूनिवर्सिटी, शूलिनी, आईईसी, बद्दी विवि, चितकारा, बाहरा,मानव भारती, करियर प्वाइंट, श्री साई, एपीजी, इंडस इंटरनेशनल, इटरनल विश्वविद्याालय, महर्षि मार्कंडेश्वर, अभिलाषी, महाराजा अग्रसेन और इकफाई विश्वविद्यालय शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष इनमें दो-दो विधायको का मनोनयन करेंगे।
महिलाओं को पहले की तरह मिलती रहेगी यात्रा सुविधा
सदन में उपमुख्यमंत्री मुकेश अगिनहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी की बसों में महिलाओं को पहले की तरह यात्रा सुविधा मिलती रहेगी। सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है कि बस यात्रा में दी जा रही रियायत को बंद कर दिया जाए।
इसे लेकर विपक्ष बेवजह भ्रामकता फैला रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मदिरों का सोना चांदी गिरवी रखने का कोई इरादा नहीं है। पहले भी वह इस बात को सदन में रख चुके हैं।
दो प्रिविलेज नोटिस आए, स्पीकर लेंगे फैसला
शिमला —विधानसभा के मानसून सत्र के बीच स्पीकर को विशेष अधिकार हनन यानी प्रिविलेज के दो नोटिस मिले हैं। एक नोटिस तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी की तरफ से दिया गया है, जिसमें उन्होंने सचिवालय के कर्मचारी नेताओं को आरोपी बनाया है। पिछले दिनों राजेश धर्माणी ने एक बयान दिया था।
इस बयान से भडक़े कर्मचारी नेताओं ने अगले दिन सचिवालय में आम सभा कर अपना गुस्सा निकाला था। इन्हीं वीडियो के आधार पर यह विशेष अधिकार हनन नोटिस दिया गया है। दूसरी तरफ सीपीएस रामकुमार ने एसपी बद्दी पर जासूसी करने का आरोप लगाते हुए विशेष अधिकार हनन का नोटिस दिया है।
गौरतलब है कि एसपी बद्दी ने कुछ समय पहले अवैध खनन पर कार्रवाई करते हुए कुछ गाडिय़ों को जब्त कर लिया था। इसमें सीपीएस की गाडिय़ां भी थीं। अब विधानसभा अध्यक्ष मामला आगे बढ़ाने को लेकर फैसला लेंगे। विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार को जवाब के लिए मामले भेजे जा रहे हैं।