किसान आंदोलन 2.0 शुरू हो गया है और इसी कड़ी में पंजाब से किसान दिल्ली कूच के लिए रवाना हुए हैं। ये किसान अमृतसर दिल्ली-नेशनल हाईवे के जरिये हरियाणा में घुसने की तैयारी में हैं। अंबाला में शभुं बॉर्डर पर इसी के चलते कड़ी सुरक्षा की गई है। बॉर्डर को पूरी तरह से सील किया गया है।
किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है। किसानों की कुल 12 मुख्य मांगें हैं। इन्हीं मांगों को लेकर चंडीगढ़ में सेक्टर 26 में सोमवार शाम को केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और किसान नेताओं के साथ मीटिंग हुई। 13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है।
किसानों के 12 डिमांड
- सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी ) की गारंटी का कानून सरकार बनाए।
- किसानों और मजदूरों की संपूर्ण कर्जमाफी योजना लागू की जाए।
- देश भर में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को फिर से लागू करें, किसानों से लिखित सहमति सुनिश्चित और कलेक्टर दर से चार गुना मुआवजा।
- लखीमपुर खीरी नरसंहार के अपराधियों को सजा और प्रभावित किसानों को न्याय।
- विश्व व्यापार संगठन से हटें और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर प्रतिबंध।
- किसानों और खेतिहर मजदूरों को पेंशन प्रदान करना।
- दिल्ली आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी।
- बिजली संशोधन विधेयक 2020 को सरकार रद्द करे।
- इसे खेती से जोड़कर प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार और मनरेगा के तहत 700 रुपये की दैनिक मजदूरी प्रदान करना।
- नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त जुर्माना और बीज की गुणवत्ता में सुधार।
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग का गठन।
- कंपनियों को आदिवासियों की जमीन लूटने से रोककर जल, जंगल और जमीन पर मूलवासियों का अधिकार सुनिश्चित करना।