कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में

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कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इस फोरलेन में 48 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण किया जा रहा है। अब तक 22 मुख्य पुलों में से लगभग 16 पुल बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि छह बड़े पुल निर्माणाधीन हैं। इसके अतिरिक्त 16 छोटे पुलों में से 14 पुल बनकर तैयार हो चुके हैं और बाकी दो पुलों का निर्माण कार्य जारी है।

खास बात यह है कि नए साल में फोरलेन का शुभारम्भ हो जाएगा। फोरलेन बन जाने के बाद बिलासपुर से कैंचीमोड़ की दूरी महज 22 किलोमीटर रह जाएगी और सफर भी सुहावना होगा। बिलासपुर के उपायुक्त पंकज राय ने बुधवार को निर्माणाधीन फोरलेन का जायजा लिया और निर्माता कंपनी गाबर के अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्माणाधीन कार्यों में तेजी लाने और निर्धारित समय के भीतर कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सुबह नौणी से लेकर गरामोड़ा-कैंचीमोड़ तक बनी सडक़, टनल और पुलों का जायजा लिया। इसके साथ ही निष्पादित कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष बल दिया।

Kiratpur-Nerchowk four lane construction work in final stage

उपायुक्त के अनुसार फोरलेन के बनने के बाद बिलासपुर की दूरी कैंचीमोड़ से मात्र 22 किलोमीटर होगी। कुल 47 किलोमीटर के इस फोरलेन में छोटी-बड़ी पांच टनल और 22 मुख्य तथा 14 छोटे पुलों का निर्माण हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस फोरलेन में 48 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण किया जा रहा है।

फोरलेन के निर्माण में देरी बर्दाश्त नहीं

बिलासपुर के जिलाधीश पंकज रॉय ने बताया कि नौणी से लेकर गरामोड़ा-कैंचीमोड़ तक बनी सडक़, टनल और पुलों का जायजा लिया है। निष्पादित कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष बल दिया। फोरलेन के निर्माण के संबंध में कोई भी सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फोरलेन के बनने से बिलासपुर की दूरी कैंचीमोड़ से मात्र 22 किलोमीटर रह जाएगी। कुल 47 किलोमीटर के इस फोरलेन में छोटी-बड़ी पांच टनल और 22 मुख्य व 14 छोटे पुलों का निर्माण हो रहा है।

कैंचीमोड़ से मैहला के लिए बन रही 1800 मीटर लंबी सबसे बड़ी टनल

एनएचएआई की ओर से हरियाणा की गाबर कंस्ट्रक्शन कंपनी को 2 हजार करोड़ का टेंडर अवार्ड किया है। फोरलेन पर कैंचीमोड़ से लेकर मंडी की सीमा भवाणा तक का कार्य गाबर के हवाले है जिस पर 22 ब्रिज और पांच टनल निर्माणाधीन हैं। इसके तहत कैंचीमोड़ से मैहला के लिए बन रही टनल की लंबाई 1800 मीटर है और सभी पांचों टनल में सबसे लंबी है।

थापना टनल की लंबाई 465 मीटर, तुन्नू से ढलियार टनल की लंबाई 550 मीटर, मल्यावर टनल की लंबाई 1265 मीटर और मंडी जिला में आने वाली टनल डैहर के पास 740 मीटर लंबी सुरंग बन रही है। तय समयावधि के अंदर इन टनल का काम पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है।

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