हिमाचल सरकार को सर्दियों के लिए बिजली की जरूरत पर मिली राहत

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हिमाचल सरकार को आगामी सर्दियों के लिए बिजली की जरूरत पर कुछ राहत मिली है। राज्य के आग्रह पर केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने करीब 500 मिलियन यूनिट बिजली हिमाचल को देने पर हामी भर दी है।

यह पावर अनएलोकेटेड रिजर्व से मिलेगी। इसलिए यह बाजार के भाव से सस्ती होगी। हिमाचल को सर्दियों में अक्तूबर से लेकर मार्च तक बिजली की कमी पूरा करने के लिए बैंकिंग करनी पड़ती है या फिर बिजली खरीदनी पड़ती है।

सर्दियों में यदि खरीदकर बिजली लेनी हो, तो रेट महंगा मिलता है। हिमाचल सरकार कई साल से बैंकिंग की प्रथा को फॉलो कर रही है, लेकिन वर्तमान सरकार बैंकिंग को फायदे का सौदा नहीं मानती थी। इसलिए पूरी प्रक्रिया में बदलाव करते-करते सर्दियों की बिजली का इंतजाम नहीं हो रहा था।

दूसरी तरफ बिजली बोर्ड का लारजी पावर हाउस बरसात में बंद हो गया था। इसी जरूरत को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी।

इसमें यह आग्रह किया गया था कि हिमाचल को सर्दियों के लिए अनएलोकेटेड रिजर्व से ऊर्जा मंत्रालय बिजली दे। भारत सरकार ने इस आग्रह को सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी को भेजा था।

वहां से सहमति मिलने के बाद अब यह कमिटमेंट मिल गई है। यह बिजली बाजार भाव से प्रति यूनिट डेढ़ से दो रुपए सस्ती मिलेगी। इसमें सरकार की करीब 100 करोड़ की बचत हो जाएगी।

1200 मिलियन यूनिट चाहिए

हिमाचल को सर्दियों के लिए करीब 1200 मिलियन यूनिट अतिरिक्त बिजली चाहिए होती है। इसमें से 500 मिलियन यूनिट का इंतजाम अब हो गया है। दूसरी तरफ एक उम्मीद ऊहल बिजली प्रोजेक्ट से भी है।

यदि यह प्रोजेक्ट अगले महीने शुरू हो गया तो और बिजली उपलब्ध हो जाएगी। हिमाचल में बिजली का 70 फ़ीसदी उपयोग उद्योगों में होता है। करीब 16 लाख घरेलू उपभोक्ता सिर्फ 25 से 30 फ़ीसदी बिजली ही इस्तेमाल करते हैं।

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