कांगड़ा एयरपोर्ट की जनसुनवाई का रास्ता साफ, इस कारण टालनी पड़ी थी तय प्रक्रिया

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शिमला : कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए अब राज्य सरकार जन सुनवाई की प्रक्रिया को बहाल करेगी। यह जनसुनवाई 15 जनवरी को प्रभावित क्षेत्र में रखी गई थी और इसके बाद ही रिलीफ एंड रिहैबिलिटेशन प्लान फाइनल होना था, लेकिन हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा प्रक्रिया को स्टे करने के कारण जन सुनवाई भी टालनी पड़ी थी।

अब हाई कोर्ट की फैसले के खिलाफ हिमाचल सरकार को सुप्रीम कोर्ट में राहत मिल गई है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की खंडपीठ ने कहा है कि हाई कोर्ट के आदेश का प्रभाव पूरी परियोजना को ठप करने जैसा है, इसलिए नौ जनवरी के आदेशों पर रोक लगाई जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट में राज्य के महाधिवक्ता ने भी आश्वासन दिया कि इस प्रोजेक्ट के दौरान कोई बेदखल नहीं होगा और सबको पुनस्र्थापित किया जाएगा। इसी आश्वासन को सुप्रीम कोर्ट ने रिकॉर्ड पर भी लिया है।

Gaggal Airport Kangra update

इससे पहले जब नौ जनवरी के आदेशों में कांगड़ा एयरपोर्ट की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर रोक लगाई गई थी, तो राज्य सरकार ने एकदम बाद यह तय कर लिया था कि इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद कोर्ट के आदेशों का इंतजार किया जा रहा है। उसके बाद पर्यटन के प्रधान सचिव देवेश कुमार की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में आगे की कार्य योजना तय होगी।

हिमाचल हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 29 फरवरी, 2024 को रखी थी, लेकिन उससे पहले राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण के लिए जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने की तरफ आगे बढ़ सकती है।

राज्य सरकार द्वारा बनाई गई कार्य योजना के अनुसार फरवरी महीने की आखिर से प्रभावितों को धनराशि बंटना शुरू हो जानी थी।

एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण पर राज्य सरकार को करीब 2600 करोड़ खर्च करने हैं। हवाई अड्डा बनाने की लागत अलग है। इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी भागीदार होगी।

इसलिए हो रहा विरोध

लोगों का कहना है कि गग्गल एयरपोर्ट विस्तार के लिए जो भूमि चिन्हित की गई है, वह निजी क्षेत्र में आती है और सारी भूमि उपजाऊ है। इसके अलावा गगल एयरपोर्ट विस्तार की जद में गग्गल बाजार भी आ रहा है, जो कि एक औद्योगिक क्षेत्र है और सैकड़ों की तादाद में लोगों को रोजगार मिलता है, वहीं एयरपोर्ट विस्तारीकरण के दौरान दी जाने वाली मुआवजा राशि पर भी लोगों ने आपत्ति जताई है।

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