फोरलने अपडेट: कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर दौड़ी गाडिय़ां

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शिमला: बिलासपुर जिला के कैंचीमोड़ से लेकर मंडी जिला के नागचला तक फोरलेन का रविवार को ट्रायलबेस पर शुभारंभ हो गया। सुबह आठ बजे एनएचएआई के अधीन कार्यरत टोल कंपनी स्काईलार्क के अधिकारियों ने गरामोड़ा बैरियर पर नारियल फोडक़र विधिवत ढंग से यातायात की शुरुआत की।

बैरियर पर टोल कटवाने के बाद पहला वाहन ट्रक रवाना हुआ। इसी तरह बलोह टोल बैरियर की भी शुरुआत की गई। प्रदेश का अहम प्रोजेक्ट कैंचीमोड़-नेरचौक फोरलेन धरातल पर उतर गया। इसी के साथ फोरलेन खुलने के लिए लंबे समय से चल रहा इंतजार भी खत्म हुआ।

कैंचीमोड़ से नेरचौक तक फोरलेन निर्माण से 37 किलोमीटर का फासला कम हुआ है। निर्माता कंपनी गाबर कंस्ट्रक्शन को दो हजार करोड़ का टेंडर हुआ था।

Fourlane update: vehicles started running on Kiratpur-Nerchowk fourlane

खास बात यह है कि फरवरी 2024 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन फोरलेन तय अवधि से पहले ही बनकर तैयार हुआ जो कि निर्माता कंपनी गाबर कंस्ट्रक्शन के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।

इस फोरलेन पर 22 मेजर और 15 माइनल पुल बनाए गए हैं। इसी तरह कैंचीमोड़ से मैहला, थापना व तुन्नू टनल के रास्ते प्रवेश कर यात्री बिलासपुर के मंडी भराड़ी पहुंचेंगे जहां से औहर, ऋषिकेश व भगेड़ होते हुए टीहरा-मल्यावर टनल के रास्ते मंडी की सीमा में प्रवेश करेंगे।

टोल कंपनी स्काईलार्क के प्रबंधक अनिल शर्मा के अनुसार रविवार से ट्रायल आधार पर फोरलेन को यातायात के लिए खोल दिया है।

टोल प्लाजा पर पर्ची माफ करने के लिए हंगामा

कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन के ट्रायल बेस पर खुलते ही हिमाचल-पंजाब सीमा के पास गरामोड़ा टोल प्लाजा भी शुरू हो गया।

रविवार को जैसे ही टोल शुरू हुआ तो स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई और स्थानीय लोगों के लिए टोल पर्ची माफ किए जाने करने को लेकर हंगामा किया।

लोगों का कहना था कि 20 किलोमीटर के दायरे में आने वाले लोगों का पास बनवाने का फरमान उन्हें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है।

बैरियर में पर्ची सिस्टम से गाडिय़ों की लाइनें

गरामोड़ा व बलोह टोल बैरियरों पर पहले दिन टोल पर्ची सिस्टम में तकनीकी दिक्कत पैदा होने की वजह से कुछ समय के लिए जाम की स्थिति बनी। फिर सिस्टम के दुरूस्त होने के बाद स्थिति शाम तक सामान्य बनी रही।

इस बीच हजारों की संख्या में वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से हुआ। कैंचीमोड़ से मैहला टनल के जरिए पर्यटकों ने बिलासपुर मे प्रवेश किया।

 

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