बिलासपुर जिला के कोलडैम का बाहौट- कसोल हिमाचल का पहला टूरिज्म विलेज डिपेल्प होगा। इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने के लिए कसरत शुरू हो गई है।
इस संदर्भ में उपायुक्त बिलासपुर ने शुक्रवार को पंचायत प्रधान, पर्यटन, कृषि, बागबानी, मत्स्य समेत अन्य संबंधित विभागों की एक अहम मीटिंग कॉल की है।
यह मीटिंग उपायुक्त कार्यालय के बचत भवन में होगी जिसमें बाहौट-कसोल गांव को पर्यटन गांव के रूप में विकसित करने की योजना का खाका तैयार किया जाएगा और अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
गन्ने और शक्कर के उत्पादन के लिए मशहूर लगभग एक हजार की आबादी वाला बाहौट-कसोल गांव कोलडैम के प्रभावित एरिया में शामिल है।
इस योजना को मूर्तरूप देने के लिए उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी चर्चा हो चुकी है और मुख्यमंत्री भी कसोल गांव को टूरिज्म विलेज के रूप में विकसित करने के लिए मौखिक तौर पर मंजूरी प्रदान कर चुके हैं।
उपायुक्त इस गांव का विजिट कर चुके हैं और अब इस महत्त्वपूर्ण योजना को धरातल पर उतारने के लिए कसरत भी शुरू हो चुकी है।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक कहते हैं कि कसोल गांव बहुत ही खूबसूरत गांव है और यहां पर पर्यटन श्रृंगार होने से निश्चित रूप से स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार व स्वरोजगार के साधन सृजित होंगे।
होम स्टे सहित अन्य पारंपरिक कारोबार शुरू करने के लिए बाकायदा परमिशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कसोल में तीस से चालीस वाहनों की पार्किंग डिवेल्प करने के लिए एनटीपीसी की ओर से परमिशन मिल चुकी है। एचडीएम
होम स्टे की मिलेगी परमिशन
कोलडैम का बाहौट-कसोल गांव पर्यटन आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहां स्थानीय लोगों को होम स्टे तैयार करने की परमिशन दी जाएगी तो वहीं, पारंपरिक कारोबार को लेकर भी अनुमति दी जाएगी।
इसी के साथ बिलासपुरी धाम सहित अन्य कारोबार शुरू करने के लिए हरसंभव मदद की जाएगी। इसके लिए लोगों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
अहम बात यह है कि सारा साल कोलडैम के पानी का लेवल एकसमान रहता है जिसके चलते लोग वोटिंग व फिशिंग के लिए भी यहां पहुंचेंगे।