फर्जी आयुष्मान कार्ड से करोड़ों के फ्रॉड मामले में ईडी की जांच में डबल फ्रॉड का खुलासा हुआ है। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि अरोपियों ने किसी का फर्जी आयुष्मान कार्ड बना दिया, तो किसी का अस्पताल में फर्जी इलाज क्लेम के लिए दिखा दिया।
आयुषमान फ्रॉड मामले में ईडी हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है। आयुष्मान घोटाले के बाद प्रदेश सरकार की हिमकेयर योजना भी ईडी की रडार पर है।
ईडी ने सबसे पहले ऊना के बांके बिहारी अस्पताल में आयुष्मान फ्रॉड माले में विजिलेंस की एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की थी।
ईडी करीब पिछले एक साल से आयुषमान घोटले की जांच में जुटी थी। ईडी ने आयुषमान घोटाले की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना का रिकॉर्ड भी लिया है और स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड से निजी अस्पतालों की बैलेंस शीटों की क्रॉस मैचिंग की जा रही है।
ईडी ने स्वास्थ्य विभाग से भी निजी अस्पतालों का रिकॉर्ड तलब करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और निजी अस्पतालों में छापेमारी के दौरान स्वास्थ्य योजनाओं के कई दस्तावेज जब्त किए हैं।
ईडी फर्जी आयुष्मान कार्ड से करोड़ों के फ्रॉड मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ भी करेगी। ईडी की अब तक की गई जांच के अनुसार इस मामले में लगभग 25 करोड़ रुपए की अपराध आय शामिल है।
ईडी ने बीते सप्ताह के बुधवार को दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में के 20 स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी और 88 लाख रुपए नकद, चार बैंक लॉकर और 140 संबंधित बैंक खाते जब्त किए थे।
इसके अलावा अचल और चल संपत्तियों, खातों की पुस्तकों और अन्य दस्तावेजों के अलावा, मोबाइल फोन/आईपैड, हार्ड डिस्क और पेन ड्राइव के रूप में 16 डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए हैं। आयुष्मान योजना के बाद ईडी हिमकेयर योजना का भी रिकॉर्ड खंगालेगी।