15 सडक़ें-30 पेयजल योजनाएं मंजूर, 329 करोड़ रुपए के 46 प्रोजेक्ट को मिली हरी झंडी

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शिमला : आपदा के बीच हिमाचल को नाबार्ड ने दूसरा तोहफा दिया है। प्रदेश में 329 करोड़ रुपए के 31 प्रोजेक्ट मंजूर हुए हैं। इनमें 15 प्रोजेक्ट पीडब्ल्यूडी के पास आए हैं।

इनमें ग्रामीण सडक़ों का निर्माण और उन्हें दोबारा बनाए जाने का प्रस्ताव शामिल है, जबकि 31 प्रोजेक्ट जलशक्ति विभाग के हैं। इनमें से भी 30 ग्रामीण पेयजल योजनाएं बनेंगी और एक सीवरेज का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ है।

कुल बजट की बात करें तो पीडब्ल्यूडी को 130 करोड़ रुपए मिलने वाले हैं। हालांकि इनमें 90 फीसदी 117 करोड़ 23 लाख रुपए ऋण के तौर पर विभाग को मिलेंगे, जबकि इसमें दस फीसदी करीब 13 करोड़ रुपए राज्य सरकार का हिस्सा शामिल रहेगा।

जलशक्ति विभाग को 199 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। इनमें 179 करोड़ 20 लाख रुपए ऋण, जबकि करीब 20 करोड़ रुपए राज्य के हिस्से के रूप में चुकाने होंगे। राज्य सरकार के योजना विभाग ने इसके लिए मंजूरी दे दी है।

इसके साथ ही आगामी 30 दिन में पीडब्ल्यूडी और जलशक्ति दोनों विभागों को प्रोजेक्ट तैयार कर मंजूरी की औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। सडक़ों के जिन प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है, उनमें सबसे ज्यादा कांगड़ा में हैं।

यहां सात प्रोजेक्ट मंजूर हुए हैं, इनमें से छह नई सडक़ों का निर्माण होना है, जबकि एक सडक़ का जीर्णाेद्धार किया जाएगा। इसके साथ ही सोलन में तीन, ही हमीरपुर में दो, कुल्लू, सिरमौर और ऊना में एक-एक सडक़ का निर्माण किया जाएगा।

जलशक्ति विभाग को 30 में से कांगड़ा में आठ, ऊना सात, हमीरपुर में चार, शिमला, मंडी, कुल्लू, सिरमौर और सोलन में दो-दो जबकि चंबा में एक पेयजल योजना को मंजूरी मिली है। जबकि एकमात्र सीवरेज प्रोजेक्ट कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां में मंजूर हुआ है।

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यह सीवरेज प्रोजेक्ट कटोली-हर-सकनारा में पूरा होगा। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता ने बताया कि दो महीने के अंतराल में यह दूसरी मंजूरी है। नाबार्ड में पहले सडक़ों के 16 प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे।

इनमें 128 करोड़ रुपए का ऋण मंजूर हुआ है, जबकि दस फीसदी हिस्सा राज्य सरकार का होगा। अब तक करीब 450 करोड़ रुपए ग्रामीण सडक़ों और पुलों के निर्माण को मंजूर हो चुके हैं। पीडब्ल्यूडी इन प्रोजेक्ट पर तेजी से काम कर रहा है। (एचडीएम)

इन सडक़ों को मंजूरी

योजना में छपरेड़वाह-तोरू सडक़ नगरोटा बगवां, थुल्ला बस्ती-बोई सडक़ शाहपुर, ताहू और चोहला सडक़ धर्मशाला, हीरू-दोसालन सडक़ गमरू-चोहला धर्मशाला, पट्टी से गोहारटी सडक़ वाया हरिजन और गुज्जर बस्ती राजपुर पालमपुर, रजोल-अनूही-जांगल-बग्गा सडक़ और देहर खड्ड पर पुल नगरोटा बगवां, पुरली से रंगडिय़ां दी धार सुजानपुर, शालाघाट-कोठी-कोलका-चमियावाल कुनिहार सोलन, सिड्डी-कक्कड़ मार्ग सुजानपुर, संपर्क मार्ग जावर से नारी बिलियां दा थप्पल भरवाईं ऊना, लेहन कोटला से सुन्नू-टिकरी-सोलन, समलेच से चिल्ला सडक़ सोलन का निर्माण किया जाएगा, जबकि दो अन्य सडक़ों को अपग्रेड किया जाएगा। इसमें बाहरू-नडली-चरचंडी माली सडक़ पंचरूखी-कांगड़ा और बबेली-जिंदौड़ सडक़ कुल्लू का रखरखाव शामिल है।

ये 30 पेयजल योजनाएं बनेंगी

इच्छी-मटौर-नंदेहड़-कोटकवाला-जमानाबाद-अब्दुलापुर-जोगी बल्ह और गगल कांगड़ा, बाधल-बंधोल-बारी-बंदोआ-सांदा ब्लॉक पंचरुखी कांगड़ा, चड़ी खास-हरबोई-थरोट में पेयजल गुणवत्ता सुधार शाहपुर, बंदूघर-कंदराल-कोट-भरवाना पंचरूखी, बथरा-धमेरी-जाखधर-उझे-झलेरा-नियार परागपुर, कस्बा कोसान-चलेली देहरा में पुरानी पंपिंग मशीन बदलने, शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में पुरानी पंपिंग मशीन बदलने, छंब-धारगेहर-कोठी पेयजल योजना बैजनाथ, लालूवाल-पोलिया बीट हरोली, बदोह-अंदौरा और करलूही ऊना, धतवारा और पनोह ऊना, बबेहर-बेह-जोह और सिकरी गगरेट, गानू-मंदवारा-लभ्या मोहल्ला राणा गगरेट, दुलैहड़-भड़साली हरोली, जोडिय़ां और बैलीवाल हरोली, सनेड-फफन-भागेटू भोरंज हमीरपुर, धमरोल-नरोह-भानविन-बारथवां-कल्याल भोरंज, जथाना-गिरथाना हमीरपुर, गंडियाना-टिकारू-बरोता-पुजयाल नादौन, निथेड़-पलेही निरमंड कुल्लू, घट्टू-शिलाई-हिमरी निरमंड, लदूरी खड्ड से चमियाना शिमला, गुंडा-जबरोग-चटोली-कोटी कोटखाई शिमला, गुड्डी सिरमौर, बागना-कंडू-दियानो शिलाई सिरमौर, धारट-बंगला-घमरेहड़-जालपा-जलफेर चौंतड़ा मंडी, बसयाना-चतेहरा-दावरू-धमोग-ककेड़-समेली कुनिहार सोलन, रामशहर-मितयान बेहली-गेहलू-गुएला नालागढ़, कुठेड़-गागला-जांघी और फरोगला-मैहला-चंबा की पेयजल योजनाएं शामिल हैं।

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