जोगिन्दरनगर : हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से कई मौसमी सब्जियां पाई जाती हैं जो खाने में स्वादिष्ट तो होती ही हैं साथ ही में कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है. तरडी भी एक ऐसी ही सब्जी है.
हिमाचल प्रदेश में मुख्य तौर पर कचनार(कराले), जंगली अरबी, जंगली मशरूम, गुच्छी, फेगड़ा या अंजीर, कई तरह के साग और अन्य सब्जियां भी पायी जाती हैं.
आज इस पोस्ट में हम बात करेंगे हिमाचल प्रदेश के जंगलों में उगने वाली इस जंगली कंद मूल की.
यह पौधा जंगली रतालू यानी Wild yam प्रजाति का होता है जिसका वैज्ञानिक नाम डिओसक्रिया विलोसा (Dioscorea villosa) है.
जमीन से तरडी निकालने का समय दिसम्बर से लेकर अप्रैल तक का है. ढलानदार सतह में इसे निकलना आसान होता है जबकि समतल सतह में बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ता है.
चूंकि यह बहुत अधिक पसंद की जाने वाली सब्जी है इस वजह से यह बाज़ार में 200 से 300 रुपए किलो के हिसाब से मिलती है.
तरडी – एक पौष्टिक सब्जी
यह एक रूट वेजिटेबल है जो जमीन में प्राकृतिक रूप से मिलता है. प्राकृतिक रूप से उगने की वजह से इसमें कई सारे पौषक तत्व पाए जाते हैं. इससे बनी सब्जी मनुष्य को निरोग रखती है.
तरडी के कई प्रकार के व्यंजन बनाए जाते हैं जो बड़े ही स्वादिष्ट बनते हैं. इस पोस्ट के माध्यम से हम तरडी निकालने और इससे बनाये जाने वाले व्यंजनो के बारे में कुछ जानकारी पाठकों के साथ शेयर करना चाहेंगे.
अच्छी तरह से धोएं
तरडी को पानी में अच्छी तरह से साफ़ कर लें. मिटटी अच्छी तरह से निकल जाए इस के लिए इसे किसी बर्तन में गर्म पानी डालकर थोड़ी देर के लिए रखें. उसके बाद फिर धोएं.
यह आप के ऊपर निर्भर करता है कि आप कैसी सब्जी खाना पसंद करते हैं. सूखी या तरी यानी ग्रेवी वाली. दोनों ही तरह की सब्जी लाजवाब होती है. पसंद के अनुसार चुनाव कर लें.
नोट: छिलका न निकालें अन्यथा यह लिसलिसी बनेगी. तरडी को काटने से पहले ही धो लें अन्यथा धोने में अधिक मेहनत और सावधानी बरतनी पड़ेगी.
सूखी या तरीदार सब्जी
अगर आप सूखी सब्जी बनाना चाहते हैं तो थोड़ा बारीक काट लें. अगर आप इसमें थोड़े से हरे मटर मिला लें तो इसका स्वाद गजब का होता है.
तरीदार सब्जी के लिए टुकड़े छोटे या मध्यम आकर के रख सकते हैं. ध्यान रखें कि छोटे टुकड़ों में मसाला अच्छे से मिल जाता है.
सामग्री
- तरडी 1 किलो
- 1 कप प्याज बारीक कटा हुआ
- अदरक बड़ा टुकड़ा
- लहसुन 1 टी स्पून बड़ा
- जीरा 1 चम्मच
- 1-2 हरी मिर्च बारीक कटी
- लाल मिर्च स्वाद अनुसार
- टमाटर एक कप
- हींग एक बड़ा टुकड़ा और एक बड़ा चम्मच अगर पानी मिला हुआ हो तो
- नमक स्वादानुसार
- हल्दी एक चम्मच
- 1 बड़ा चम्मच सरसों तेल मसाला भूनने के लिए
- हरे मटर के दाने 100 ग्राम
- हरा धनिया बारीक कटा हुआ
- तेज पता 1
- गरम मसाला 1 छोटा चम्मच
- अमचूर 1 छोटा चम्मच
सारे मसाले को गरम तेल में हलकी आंच में सामान्य तड़के की भांति भूने. फिर उसमे मटर के दाने और तारडी के टुकड़े डाल कर थोड़ा फ्राई करें. सूखा बनाने के लिए 1 कप पानी डाल कर पकाएं. तरीदार बनाने लिए 3-4 कप गरम पानी डाल कर पकाएं.
पक जाने पर हरा कटा धनिया मिला लें और पसंद अनुसार परांठे, रोटी या चावल के साथ खाने का आनंद लें.
तरडी की कचौरी
अगर आप कचौरी के शौक़ीन हैं तो आपको तरडी को सबसे पहले हल्का उबालना होगा.
कचौरी बनाने के लिए आटे को खमीर यानी यीस्ट डाल कर गूंथे और 1 घंटे के लिए छोड़ दें.
मसाला
- प्याज 2 कप
- अदरक बड़ा टुकड़ा
- लहसुन बारीक कटा हुआ
- हल्दी, नमक, गरम मसाला
- धनिया
- अमचूर छोड़ा चम्मच
सारे मसाले को अच्छी तरह से मिला कर, एक चम्मच तेल में फ्राई पेन में हल्का सा भून लें. तरडी कोउबालने के बाद अच्छी तरह से कद्दूकस कर लें. अब कद्दूकस की हुई तरडी में यह मसाला मिलाये.
अब आटे की लोई बनाकर उसमें मसाला भर कर उसको गोल व चपटा कर लें. कड़ाही में तेल गरम करके इसे ब्राउन होने पर निकाल लें. दही, मख्खन या दूध के साथ परोसें.
तरडी के परांठे
तरडी के परांठे बनाने के लिए तरडी को कद्दूकस कर लें. कद्दूकस तरडी में तैयार किया हुआ मसाला मिला लें.
जो मसाला कचौरी बनाने के लिए इस्तेमाल किया वही परांठे में इस्तेमाल कर सकते हैं. परांठे तेल या बिना तेल के बनाये जा सकते हैं. दही, मख्खन या दूध के साथ परोसें.
तरडी का आचार
मसाला (1 किलो के हिसाब से):
- हल्दी 30 ग्राम
- नमक 70 ग्राम
- सरसों के बीज 30 ग्राम
- कलौंजी 20 ग्राम
- मेथी दाना 30 ग्राम
- लाल मिर्च पाउडर 30 ग्राम
- अमचूर 30 ग्राम
- गरम मसाला 25 ग्राम
- तलने के लिए तेल 100 ग्राम
- डालने के लिए तेल 500 ग्राम
सबसे पहले तरडी को बारीक गोल -गोल काट लें. कड़ाही में तेल गर्म करने के बाद कटी हुई तरडी को अच्छी तरह से फ्राई कर लें. मसाले को अलग से मिक्स करके भून लें. वैसे तरडी को बिना फ्राई किए भी डाला जा सकता है.
ठंडा होने पर तैयार किया हुआ मसाला इसमें मिला लें. 500 ग्राम तेल अलग से गरम करके अच्छी तरह से भून कर ठंडा कर लें और इसमें मिला लें.
स्वादानुसार आप इसमें 1-2 गलगल का खट्टा रस भी मिला सकते हैं.
सुविधानुसार डिब्बे में पैक कर लें. तरडी का आचार खाने के लिए बिल्कुल तैयार है.
तरडी के पकौड़े
अगर तरडी के पकोड़े खाने हैं तो तरडी को पहले 10 मिनट तक हल्का उबाल लें उसके बाद उसे कद्दूकस कर लें. स्वादानुसार मसाला और बेसन मिला लें और तलें गर्म -गर्म तरडी के पकौड़े.
तरडी की खिचड़ी
तरडी की खिचड़ी भी लाजवाब बनती है. खिचड़ी के लिए सारा मसाला सब्जी वाला ही रख सकते हैं
कटी हुई सब्जी को पहले हल्का पका लें उसके बाद उसमें चावल मिलाकर पकाएं. याद रखें, हरे मटर तरडी की खिचड़ी को स्वादिष्ट बना देते हैं.
गर्म -गर्म खिचड़ी का घी, मख्खन, दही के साथ आनंद लें.
तो देर किस बात की अगर आपके पास तरडी है तो एक कोशिश करें यह सब बनाने की. निश्चित रूप में आपको लाजवाब व्यंजन खाने में मज़ा आएगा.
धन्यवाद!