माँ बगलामुखी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के देहरा विधानसभा क्षेत्र के तहत बनखंडी गांव में स्थित है। यह स्थान ऊना-काँगड़ा राष्ट्रीय उच्चमार्ग 503 पर पड़ता है।
माता बगलामुखी दस महाविद्याओं में आठवीं महाविद्या हैं। इन्हें माता पीताम्बरा भी कहते हैं। क्योंकि माँ पीले रंग के वस्त्र, आभूषण व पीले फूलों की माला धारण करती है।
माता को पीले रंग का आसन और प्रसाद चढ़ाया जाता है। सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी तरंग है वो इन्हीं की वजह से है। यह भगवती पार्वती का उग्र स्वरूप है।
सारे ब्रह्माण्ड की शक्ति मिल कर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकती। शत्रुनाश, वाकसिद्धि, वाद विवाद में विजय के लिए इनकी उपासना की जाती है।
निर्माण और इतिहास
इस मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पांडवों द्वारा किया गया था। पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान बगलामुखी मंदिर का निर्माण किया था और माँ की पूजा अर्चना की थी। सर्वप्रथम अर्जुन और भीम ने युद्ध में विजय हेतु शक्तियां प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से माँ की पूजा अर्चना की थी।
पौराणिक मान्यताएं
माना जाता है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा का ग्रन्थ एक राक्षस ने चुरा लिया था तो उसका संहार करने के लिए माँ बगलामुखी प्रकट हुई थी।
एक अन्य मान्यता के अनुसार भगवान राम ने भी शत्रुनाशिनी माँ बगलामुखी की आराधना की थी और लंका पर विजय प्राप्त की थी।
बगलामुखी जयंती के अवसर पर यहाँ मेले के भी आयोजन होता है। इस मंदिर में कई राज्यों के लोग हवन पाठ कर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
शत्रु-दमन, कोर्ट कचहरी और राजनीति में सफलता के लिए हवन
मान्यता के अनुसार चाहे कोर्ट कचहरी का विवाद हो या युद्ध राजनीति या तांत्रिक समस्या हो माँ के मंदिर में हवन यज्ञ करवाकर मन्नत पूरी करते हैं।
प्रसिद्ध नेता अभिनेता भी माँ के दर्शनों के लिए यहाँ आते हैं। कथित पोर्नोग्राफी कटेंट मामले में राहत पाने के लिए शिल्पा शैट्ठी और राज कुंद्रा ने यहाँ पूजा अर्चना करवाई थी।
नोट फॉर वोट मामले में फंसे सांसद अमर सिंह, सांसद जया प्रदा, मनविंदर सिंह बिट्टा, कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर, भूपेंद्र हुड्डा, राज बब्बर की पत्नी नादिरा बब्बर, गोविंदा और गुरदास मान जैसी हस्तियां यहां आ चुकी हैं।
संकट के समय कॉमेडी किंग कपिल शर्मा भी यहां आ चुके हैं इस चार दिसंबर को मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ ने अपनी पत्नी कोबिता के साथ तांत्रिक पूजा और हवन करवाया।
इंदिरा गांधी कर चुकी हैं पूजा
राजनीति में विजय प्राप्त करने के लिए इसं मंदिर में प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी आ चुकी है। 1977 में चुनाव में हार के बाद उन्होंनें तांत्रिक अनुष्ठान करवाया था इसके बाद वह फिर प्रधानमंत्री बनी और राजनीति में छा गईं।
।।सीमा कुमारी
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