क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले में नया खुलासा, आरोपियों ने पंजाब में तयार किया सॉफ्टवेयर

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शिमला : क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के मामले में आए दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपियों ने पंजाब में बैठकर साॅफ्टेवयर तैयार किया है। आरोपियों से पूछताछ और पंजाब पुलिस सूचनाओं के आदान-प्रदान में यह बात सामने आई है।

जिन इंजीनियरों ने यह साॅफ्टेवयर तैयार किया है, पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार करेगी। ऐसे में पुलिस की एसआईटी ने भी जांच तेज कर दी है। लगातार टीमें आरोपियों को पकड़ने के लिए बाहरी राज्यों में दबिश दे रही हैं, वहीं हिमाचल प्रदेश में भी संदिग्धों से पूछताछ जारी है।

एसआईटी को जानकारी मिली है कि क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी करने वाले मुख्य आरोपी हिमाचल के सुभाष की पंजाब में छह संपत्तियां हैं। इसके अलावा आरोपियों ने रिश्तेदारों के नाम पर भी प्रॉपर्टी खरीद रखी है।

अब हिमाचल पुलिस आरोपियों की संपत्ति के अलावा रिश्तेदारों की प्रापर्टी और बैंक खातों को खंगालने में जुटी है। एसआईटी बैंकों से आरोपियों के खातों का लेखा-जोखा मांग रही है। क्रिप्टो करेंसी को लेकर फर्जी साइटें भी बनाई गई हैं। इससे भी आरोपियों ने करोड़ों रुपये के घोटाले को अंजाम दिया है।

 Crypto Currency Fraud

पुलिस एसआईटी मामले से जुड़े हर पहलू को गंभीरता से खंगाल रही है। क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लोग हजारों में हैं। अब शिकायतकर्ता पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक इस मामले में 70 से ज्यादा लोगों ने पुलिस थाने में शिकायतें दर्ज करवा दी हैं।

कई लोग ऐसे भी हैं, जो शिकायत करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। शिकायतकर्ताओं से पूछा जा रहा है कि किसके कहने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया गया। इसके आधार पर आगे से आगे पूछताछ चल रही है।

मंडी साइबर पुलिस थाने में ठगी की शिकायतों का अर्धशतक

वहीं, मंडी साइबर पुलिस थाना में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगी की शिकायतों का आंकड़ा 50 तक पहुंच गया है। रोजाना नई शिकायतें लेकर शिकायतकर्ता मंडी पहुंच रहे हैं।

शिकायतकर्ता अपना दुखड़ा सुनाने के साथ आरोपियों पर शिकंजा कसने की मांग उठा रहे हैं। शिकायतकर्ता बताते हैं कि यह पूरा खेल भरोसे पर ही चलता था। भरोसा जताकर शातिर नकदी लेते थे। अगर किसी को कोई आपत्ति होती थी तो शातिर तुरंत नकदी वापस कर देते थे।

इससे अन्य लोगों में विश्वास हो जाता। दस हजार डाॅलर निवेश पर शातिर विदेश दौरे का भी लालच देते थे। कई शिकायतकर्ता इस पूरे खेल के मुख्य आरोपी हेमराज, सुखदेव व सुभाष से कभी मिले तक नहीं हैं।

जबकि शुरुआती दौर में निवेश करवाने वाले लोग इनके सीधे संपर्क में थे। अब शिकायतकर्ता जिन्हें नकदी दी गई है, उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। यह अधिकतर टीम लीडर की भूमिका में थे।

ऐसे में इन पर भी कानूनी शिकंजा कस सकता है। अधिकतर मामलों में 99 प्रतिशत धनराशि नकद ही देने बारे तथ्य सामने आ रहे हैं। हालांकि ऑनलाइन ट्राजेक्शन का विवरण भी शिकायतकर्ताओं से लिया जा रहा है।

उधर, मंडी साइबर पुलिस सेल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनमोहन सिंह ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ठगी की नई शिकायतें मिल रही हैं। मामले में नियमानुसार बयान कलमबद्ध करवाए जा रहे हैं।

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