मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंगलवार सुबह दिल्ली से शिमला लौट रहे हैं। वह करीब एक हफ्ते के ब्रेक के बाद राजधानी वापस लौट रहे हैं।
शिमला पहुंचते ही सबसे पहले वह छोटा शिमला स्कूल के वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वह खुद भी पढ़े हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय आएंगे और रात तक सचिवालय में ही रहेंगे।
इस दौरान लंबित फाइलों को निपटाने के साथ मुख्यमंत्री पहली मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक के एजेंडे पर बात करेंगे। पिछली कैबिनेट में भी एक रोज पहले मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि कौन सा एजेंडा कैबिनेट में लाया जाए।
इस बैठक में केवल दो ही मसले डिस्कस हो पाए थे। इसमें एक विधानसभा के बजट सत्र के शेड्यूल पर था और दूसरा एजेंडा मुख्यमंत्री सुख आश्रय स्कीम को लेकर था।
इसलिए बहुत से मामले अभी लंबित हैं। एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन के ड्राफ्ट के फाइनल होने का इंतजार है, क्योंकि इसके बाद ही मुख्यमंत्री के लिए धर्मशाला में आभार रैली हो पाएगी।
कैबिनेट मेमोरेंडम भी वित्त विभाग ने बना दिया है। अब सिर्फ मुख्यमंत्री के इशारे का इंतजार है। भाजपा सरकार के समय खुले कॉलेजों और स्कूलों पर भी कैबिनेट में फैसला होगा।
इस में फैसला न होने के कारण न सिर्फ इन स्कूल और कॉलेजों में नियुक्त स्टाफ, बल्कि नई एडमिशन को लेकर बच्चे भी असमंजस में हैं। एनटीटी पॉलिसी को लेकर भी कैबिनेट विचार करेगी।
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को भंग करने के बाद पब्लिक सर्विस कमीशन को क्लास थ्री की भर्तियां देने को लेकर भी कैबिनेट में एजेंडा लग सकता है।
हालांकि इसके लिए अभी पब्लिक सर्विस कमीशन से जवाब आने का इंतजार है। कुल मिलाकर बजट सत्र से पहले हो रही इस कैबिनेट बैठक से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं।
जेओए-817 पर भी सीएम ही लेंगे फैसला
हमीरपुर पेपर लीक मामले के बाद जूनियर ऑफिस असिस्टेंट पोस्ट कोड-817 को लेकर हलचल तेज हो गई है।
एक तरफ कार्मिक विभाग विजिलेंस ब्यूरो से इससे संबंधित जानकारी मांग रहा है, दूसरी तरफ पहली मार्च को 817 के अभ्यर्थी मुख्यमंत्री से मिलने शिमला आ रहे हैं।
विजिलेंस ब्यूरो की स्टेटस रिपोर्ट के आधार पर ही एडवोकेट जनरल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब दे चुके हैं।
विजिलेंस ब्यूरो ने इस भर्ती परीक्षा के 73 उम्मीदवारों को गिरफ्तार हो चुके लोगों के संपर्क में आने के कारण पूछताछ के लिए बुलाया हुआ है। इस भर्ती परीक्षा को लेकर राज्य सरकार ने अभी फैसला लेना है।