हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन ने 23 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजनाओं का आबंटन कर दिया है। इनको तैयार करने के लिए 6 महीने का समय रखा गया है जिसमें इनको पूरा करने के साथ उत्पादन में ला दिया जाएगा।
पावर कारपोरेशन की क्षमता में इससे इजाफा होगा साथ ही कुछ और परियोजनाओं का भी सर्वे उसके द्वारा करवाया जा रहा है। आने वाले समय में ऊना, सोलन, हमीरपुर व कांगड़ा जिलों में बड़े पैमाने पर सरकारी क्षेत्र में सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।
इससे पहले ऊना जिला में दो परियोजनाओं का पावर कारपोरेशन ने शुरू कर दिया है। हाल ही में चिन्हित 23 मैगावाट क्षमता के प्रोजेक्टों का टेंडर खुलने के बाद इनको आबंटित कर दिया गया है।
एक ही कंपनी के पास कुछ प्रोजेक्ट गए हैं जिनको निर्माण के लिए लक्ष्य दिया गया है। बताया जाता है कि सात्विक ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) द्वारा सौर ईपीसी अनुबंध प्रदान किए गए हैं।
जिन परियोजनाओं के लिए इस कंपनी के साथ करार किया गया है उसमेंं ऊना के लमलेहरी उपरली में 11 मेगावाट की सौर परियोजना और गोंदपुर बुल्ला में 12 मेगावाट की सौर परियोजना शामिल है। सात्विक की दो सौर परियोजनाएं महत्वपूर्ण पर्यावरणीय प्रभाव का वादा करती हैं। लमलेहरी परियोजना 402,000 टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन को कम करने और गोंदपुर परियोजना लगभग 457,000 टन कम करने का लक्ष्य रखती है।
गोंदपुर परियोजना में अत्याधुनिक एन.टॉपकॉन प्रीमियम मॉड्यूल का उपयोग किया जाएगा जिससे सालाना 19.13 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन होगा। लमलेहरी परियोजना में मोनो पीईआरसी सोलर पीवी मॉड्यूल शामिल होंगे जिससे सालाना 17.13 मिलियन यूनिट का उत्पादन होगा। ये परियोजनाएं सौर प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण को आगे बढ़ाने का काम करेगी।
समझौते के तहत इन परियोजनाओं की व्यापक डिजाइनिंग, आपूर्ति, इंजीनियरिंग और निर्माण के लिए यह कंपनी जिम्मेदार होगी जिससे सभी नियामक प्रावधानों के अनुपालन में निर्बाध निष्पादन सुनिश्चित होगा। ये परियोजनाएं स्वच्छ ऊर्जा अपनाने को आगे बढ़ाने और भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करने के सात्विक के दृष्टिकोण को रेखांकित करती हैं। इन परियोजनाओं के सफल निष्पादन से हिमाचल प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है जो राज्य के सतत विकास उद्देश्यों में योगदान देगा।
इसके अलावा पांच अन्य परियोजनाओं के लिए भी टेंडर कर दिए गए हैं जिनका भी जल्दी ही आबंटन कर दिया जाएगा। पावर कारपोरेशन चाहता है कि 6 महीने में यह परियोजनाएं पूरी हो जाएं ताकि उसका उत्पादन बढ़ जाए।
राज्य में सरकार ने पावर कारपोरेशन को यह बड़ी जिम्मेदारी दी है जो सरकारी क्षेत्र में हाइड्रो के अलावा सौर ऊर्जा उत्पादन का भी काम करेगी। बताया जाता है कि कंपनी ने कई जगहों पर अपनी टीमें लगा रखी हैं जोकि अलग-अलग क्षेत्रों में सर्वेक्षण कर रही हैं। जल्दी ही इनकी रिपोर्ट सरकार को मिलेगी और सरकार आगे प्रोजेक्ट लगाने को लेकर निर्णय लेगी।
मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने पावर कारपोरेशन को इस काम के लिए बड़ा लक्ष्य दिया है। पिछले दिनों ऊना जिला में दो प्रोजेक्ट स्थापित किए गए हैं जिनमें से एक 32 मेगावाट क्षमता का है और उसमें उत्पादन का दौर चल रहा है।
बताया जाता है कि जल्दी ही इस परियोजना से अतिरिक्त कमाई शुरू हो जाएगी। सौर ऊर्जा में उत्पादन का खर्चा कम है और इसकी कीमत ज्यादा है जिससे कुछ समय में ही फायदा मिलने लगता है।
राज्य में सरकार के प्रयासों से 2 मैगावाट से ज्यादा बिजली का उत्पादन लोगों के घरों की छतों पर हो रहा है। इसमें जहां राज्य सरकार की योजना का फायदा लोग ले रहे हैं वहीं केन्द्र सरकार की पीएम सूर्य घर रौशनी योजना का भी पूरा फायदा उठाया जा रहा है। फिलहाल सरकारी क्षेत्र में पावर कारपोरेशन सौर ऊर्जा उत्पादन की बड़ी एजैंसी बनने को अग्रसर है।