आदर्श आचार संहिता में लोक निर्माण विभाग के करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट फंस सकते हैं। नवंबर में ही चुनाव तय होते हैं, तो अक्तूबर में आचार संहिता लगना तय है। ऐसे में हाल ही में 223 करोड़ रुपए की 40 सडक़ें और चार पुल नाबार्ड के तहत मंजूर हुए हैं।
इन प्रोजेक्टों को शुरू करवाने में महीने का समय लग सकता है। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद चुनाव के दौरान इन सडक़ों का निर्माण शुरू नहीं हो पाएगा। हालांकि चुनाव दिसंबर तक खिसकते हैं, तो विभाग और सरकार इसी सत्र में इन प्रोजेक्ट्स को शुरू करवा लेगी।
फिलहाल नाबार्ड के तहत जिन 223 करोड़ की 40 सडक़ों का चयन हुआ है। उनमें 90 फीसदी हिस्सा ऋण के माध्यम से आएगा, जबकि दस फीसदी हिस्सा राज्य सरकार खर्च करेगी।
प्रोजेक्ट के तहत चार पुलों का भी निर्माण किया जाना है। गौतलब है कि अप्रैल में लोक निर्माण विभाग ने डीपीआर तैयार कर सरकार को भेजी थी और इसके बाद केंद्र को भेजा गया।
नाबार्ड ने केंद्र और राज्य की संस्तुति के आधार पर इस प्रोजेक्ट को मंजूर कर लिया है। सरकार को महज 22.31 करोड़ रुपए के खर्च में 40 सडक़ें और चार पुल मिलने वाले हैं।
इस रकम को दूसरा हिस्सा जो करीब 222.78 करोड़ है, केंद्र सरकार ऋण के माध्यम से उपलब्ध करवाएगी। आचार संहिता लगती है, तो यह प्रोजेक्ट होल्ड पर डाल दिया जाएगा। उधर, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अजय गुप्ता का कहना है कि विभाग आदर्श आचार संहिता की स्थिति पर नजर रख रहा है।
जो प्रोजेक्ट मंजूर हुए हैं, उन पर काम शुरू किया गया है। कुछ औपचारिकताएं पूरी होने में समय लगता है। आदर्श आचार संहिता लागू होती है, तो विधानसभा चुनाव के बाद ही इन सडक़ों के शिलान्यास हो पाएंगे।