शिमला : आपदा से क्षतिग्रस्त कुल्लू-मनाली एनएच का काम युद्ध स्तर पर चला हुआ है। भू-वैज्ञानिकों ने सर्वे में पाया है कि जहां कहीं से भी मार्ग ध्वस्त हुए है, वहां पर कंकरीट से निर्माण कार्य न होने से मार्ग ध्वस्त हुए।
इसके चलते आपदा से सबक सीखते हुए निर्माण कार्यों में लगी कंपनियों और एनएचएआई ने कंकरीट से निर्माण कार्य करने की सलाह पर काम करना शुरू किया है।
तकरीबन 22 करोड़ रुपए की लागत से कुल्लू-मनाली एनएच का क्षतिग्रस्त हुआ मार्ग प्रारंभिक चरण में पूरा होगा। नदी से कट गए मार्ग के हिस्सों की मकिंग की जा रही है।
कंकरीट की वॉल लगाई जाएंगी, जिससे इस आपदा में एक अनुभव प्रशासन को यह हुआ है कि इस मार्ग पर जहां कहीं पर कंकरीट वॉल लगाई है, वह हिस्से कुल्लू से मनाली तक क्षतिग्रस्त होने से बच गए है।
जियोलॉजिस्ट की मदद से निर्माण कार्य मार्ग को रिस्टोर करने का किया जा रहा है। मनाली के 15 मील, क्लॉथ, पतलीकूहल के साथ का हिस्सा, बंदरोल के साथ का हिस्सा शामिल है।
नदी को बीच से चैनलाइजेशन किया जाएगा। कुछ दिनों के बाद नदी के पानी के बहाव को मद्देनजर रखते हुए निर्माण कार्य को रफ्तार दी जाएगी।
एसडीएम सदर कुल्लू विकास शुक्ला का कहना है कि आम जनता के सहयोग से कुल्लू-मनाली एनएच का कार्य युद्ध स्तर पर चला हुआ है।