हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने फिर से आगामी 3 दिनों तक बारिश का येलो अलर्ट ज़ारी किया है जबकि प्रदेश में गत वीरवार से लगातार बारिश हो रही है जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है।
वहीँ शुक्रवार को ऑरैंज अलर्ट के बीच में राजधानी शिमला सहित कई जगहों पर बारिश हुई, जिसके साथ ही कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं, वहीं लाहौल-स्पीति के मरशेन नाले में बाढ़ आ गई।
लैंडस्लाइड की वजह से मनाली-लेह हाईवे बंद हो गया, जिसे शाम को यातायात के लिए बहाल कर दिया गया। सोलांगनाला से अटल टनल की ओर जाने वाले मार्ग पर धुंधी के पास लैंडस्लाइड होने से सड़क फिर से बाधित हो गई है।
रानीनाला में सड़क धंसने की स्थिति को देखते हुए रोहतांग रोड शनिवार सुबह तक के लिए बंद कर दिया गया है। कुल्लू की सैंज घाटी की गाड़ा पारली पंचायत में पुल और रास्ते टूट गए।
इसकी वजह से 4 गांवों का संपर्क आपस में कट गया है। सुबह पंडोह के पास भूस्खलन से मंडी-मनाली नैशनल हाईवे बंद हो गया था।
हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुक्सान की सूचना नहीं है। सीमा सड़क संगठन (बी.आर.ओ.) सड़क बहाली के कार्य में जुट गया है।
हालांकि शाम तक राज्य के 2 जिलों में 2 नैशनल हाईवे और 283 संपर्क मार्ग अवरुद्ध रहे। इनमें लाहौल-स्पीति जिले में एन.एच. 303 जिस्पा से सरचू के बीच में जिस्पा के पास अवरुद्ध है, जबकि मंडी जिले में एन.एच. 21 पंडोह में बनाला के पास अवरुद्ध चला हुआ है।
इसे खोलने के प्रयास जारी हैं। सबसे अधिक संपर्क मार्ग जिला मंडी में 174 बंद हैं, जबकि कुल्लू जिला में 67, चंबा में 21 व कांगड़ा में 15 मार्ग शामिल हैं।
राज्य में 314 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं बाधित चल रही हैं। मौजूदा मानसून सीजन में 20 जून से अब तक प्रदेश में विभिन्न हादसों से 176 लोगों की मौत हो चुकी है, 281 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग अभी भी लापता हैं।
अकेले मंडी में सबसे ज्यादा 35 मौतें हुई हैं, कांगड़ा में 28, कुल्लू में 18, चंबा में 17, शिमला में 15, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
अब तक बादल फटने की 28, फ्लैश फ्लड की 47 और भूस्खलन की 42 घटनाएं हो चुकी हैं। प्रदेश को मानसून से अब तक 1678 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुक्सान हो चुका है,
जिसमें सबसे ज्यादा क्षति लोक निर्माण विभाग को 865 करोड़ रुपए और जल शक्ति विभाग को 567 करोड़ रुपए चपत लग चुकी है।