शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर जहां एक तरफ कांग्रेस सरकार के भीतर हलचल चल रही है, वहीं दूसरी तरफ शिमला नगर निगम के मेयर रहे माकपा नेता संजय चौहान के दावे से खलबली मच गई है।
संजय चौहान ने कहा है कि जब वह मेयर थे तो शिमला शहर में यह डिमांड आई कि चौड़ा मैदान से डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को रिज मैदान पर शिफ्ट किया जाए।
लोगों की मांग को देखते हुए जब इस बारे में मेयर ने उस वक्त के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से बात की तो वीरभद्र सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक रिज मैदान पर और मूर्तियां स्थापित नहीं होनी चाहिए। इस जगह को म्यूजियम नहीं बनाया जा सकता।
संजय चौहान कहते हैं कि इसीलिए उसके बाद उन्होंने भगत सिंह की प्रतिमा समर हिल चौक में और स्वामी विवेकानंद की बालूगंज चौक में लगाने का प्रस्ताव दिया था। ये मूर्तियां भी अब तक स्थापित नहीं हुई हैं।
दूसरी तरफ, यदि सरकार की बात करें तो वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज मैदान पर स्थापित करने के लिए जगह न देने का आरोप लगाते हुए उनके बेटे मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस वार्ता में इस्तीफा की पेशकश कर दी थी।
इसके बाद अब शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने अपने दादा ठाकुर रामलाल के लिए भी यही डिमांड कर दी है। उन्होंने कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से मूर्तियां स्थापित करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन यदि एक मुख्यमंत्री की प्रतिमा लगेगी, तो दूसरे की क्यों नहीं?