राज्य सरकार दो हजार करोड़ रुपए की लागत से हिमाचल प्रदेश पावर सेक्टर डिवेलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने जा रही है। इसके तहत 200 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण और 13 शहरों के लिए 11 सब-स्टेशन और दो बड़ी बिजली वितरण लाइनों का निर्माण करने का प्रावधान किया गया है।
इसके तहत विश्व बैंक के साथ राज्य सरकार की अंतिम दौर की चर्चा पूरी होने के बाद एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि एचपीटीसीएल 464 करोड़ रुपए की लागत से छह ईएचवी सब-स्टेशन कालाअंब, बरशैनी, कांगु, पलचान, धर्मपुर और हिलिंग में स्थापित होंगे। जबकि पांच ट्रांसमिशन लाइनें और एक संयुक्त नियंत्रण केंद्र के निर्माण का कार्य पूरा किया जाएगा।
राज्य सरकार आगामी दिनों में क्रय-विक्रय के दक्ष प्रबंधन के लिए एक सेंट्रलाइज सेल का निर्माण करेगी, ताकि जरूरत के समय बिजली की खरीद और अधिक उत्पादन के समय इसे बेचने के क्रम में सही दाम राज्य सरकार को हासिल हो सकें।
परियोजनाओं के लिए टारगेट तय
प्रदेश सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में एक हजार मेगावाट की बिजली परियोजनाओं को पूरा करने का टारगेट तय किया है। इनमें पार्वती-दो, टिडौंग-एक शेल्टी मसरंग और लंबाडग को पूरा कर लिया जाएगा।
इसके अलावा राज्य सरकार ने केंद्र की मदद से शुरू होने वाली बहुप्रतीक्षित रेणुकाजी बांध परियोजना का काम शुरू करने की तैयारी की है।
चांजू-3, दयोथल चांजू, सुन्नी डैम और डुगर परियोजनाओं का निर्माण इसी साल शुरू होगा। सेईकोठी-1 और सेईकोठी-दो, देवीकोठी और हेल प्रोजेक्ट का काम भी सरकार जल्द ही शुरू करवाएगी।
पांगी में सौर ऊर्जा से रोशन होंगे घर
राज्य सरकार ने जनजातीय क्षेत्र पांगी में अंधेरा मिटाने के प्रबंध कर दिए हैं। भविष्य में बर्फबारी के दौरान भी पांगी में बिजली ठप नहीं होगी। क्षेत्र को पूरी तरह से सौर ऊर्जा में ढालने की तैयारी राज्य सरकार कर रही है।
बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पांगी के लिए बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम परियोजना स्थापित करने की बात कही है।
इससे जनजातीय क्षेत्र पांगी में अब बिजली आपूर्ति सौर ऊर्जा से होगी और बिजली या वोल्टेज का झंझट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।