छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के दो सैनिकों का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक क गाँव में मंगलवार को कर दिया गया. CRPF में ASI संजय कुमार के अंतिम संस्कार पर उनकी बेटी की मासूम और रोषपूर्ण सवालों से सबकी आँखे नम हो गयीं.
अमीषा शर्मा ने अपने पिता के संस्कार पर पालमपुर के पास चेचियां गाँव में अपने पिता की अंतिम यात्रा पर सवाल किया, “मेरे पिता ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए पर मिला क्या?”
“लोग आते हैं, कुछ आंसू बहाते हैं और तसल्ली देते हैं. फिर कुछ दिनों के बाद परिवार को उनके हाल पर छोड़ देते हैं. रोज बहादुर जवान असमय मारे जा रहे हैं लेकिन सरकार और नेता कुछ नहीं करते”, अमीषा ने माओवादिओं के खिलाफ सरकारों के ढुल-मुल रवैये पर रोष जताते हुए कहा.
10+2 में पढ़ रही अमीषा ने बताया कि उन्हें पिता कि शहदात के बारे में फोन पर पता चला. संजय कुमार जिन्होंने CRPF में सताईस साल सेवाएं दी अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और दो बेटियाँ छोड़ गये हैं. उनके वयोवृद्ध 83 वर्षीय पिता श्री राजिंदर प्रसाद शर्मा कहते हैं, “यह हमारे लिए और देश के लिए गर्व का क्षण है”. राजिंदर प्रसाद शर्मा भी CRPF में थे.
इसके अलावा CRPF के हैड कांस्टेबल 33 वर्षीय सुरेंदर ठाकुर का उनके पैतृक स्थान नेरढांगू में अंतिम संस्कार किया गया. उनकी तीन वर्षीय बेटी ने जब उन्हें मुखाग्नि दी तो सबकी आँखे नम थीं.
अभी 10 अप्रैल को ही वे दो हफ्ते की छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे थे. उनके परिवार ने बताया कि मुठभेड़ की खबर सुनकर उन्होंने सुरेंदर को फोन करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया. बाद में किसी ने उनका फ़ोन रिसीव करके मुठभेड़ में उनकी मौत की जानकारी दी.
सुरेंदर ठाकुर अपने पीछे परिवार में अपनी पत्नी, तीन साल की बेटी, बड़ा भाई और माँ छोड़ गये हैं. 2003 में CRPF ज्वाइन करने के बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर में 6 साल ड्यूटी की. 3 साल से वे छत्तीसगढ़ में तैनात थे.
गौरतलब है कि सोमवार को लगभग 300 माओवादियों ने CRPF पार्टी पर हमला कर दिया था जिसमें दो हिमाचली सपूतों सहित 25 जवान शहीद हो गये थे. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले के दोषियों को न बख्शने का भरोसा दिलाया है.