शिमला: अटल टनल खुलने से बारालाचा और शिंकुला दर्रा सैलानियों के लिए नए पर्यटन स्थल के तौर पर उभरने लगा है। समुद्रतल से 16040 फुट की उंचाई पर स्थित बारालाचा दर्रा लाहुल घाटी को लद्दाख से जोड़ता है।
जून महीने में भी बारालाचा दर्रा बर्फ से लकदक है। केलांग से 73 और मनाली से 144 किलोमीटर दूर बारालाचा दर्रा तक चार घंटे का सफर है।
रोहतांग दर्रा जाने के लिए एनजीटी की और से सीमित वाहनों संख्या निर्धारित होने के कारण सैलानी बड़ी संख्या में बर्फ के दीदार के लिए बारालाचा दर्रा का रुख कर रहे हैं।
सैलानियों की सुविधा के लिए हिमाचल पर्यटन विभाग मनाली से बारालाचा दर्रा के बीच दो बसें चल रही है। बारालाचा दर्रा में अभी भी चार से आठ फुट तक बर्फ बिछी हुई है।
सैलानी यहां पहुंच कर सर्द मौसम के साथ खूबसूरत वादियों का आनंद उठा रहे हैं। बारालाचा दर्रा पहुंचने से पहले सैलानी बर्फ से ढकी सूरजताल का दीदार कर रहे हैं। जून महीने में भी सूरजताल पूरी से बर्फ की चादर से ढकी है।
सूरजताल केलांग से 65 और मनाली से 130 किलोमीटर दूर मनाली-लेह हाई-वे से सटा है। बारालाचा और लेह जाने वाले पर्यटक सूरजताल रुक कर सैल्फी लेते देखे जा रहे हैं। -एचडीएम
सूरजताल में छेड़ा सफाई अभियान
बर्फ से ढकी बारालाचा की वादियां अपनी खूबसूरती के दम पर सैलानियों को अपनी और आकर्षित कर रहा है, लेकिन यहां पर साहसिक खेलों के साथ शौचालय की कमी खल रही है।
सैलानियों को यहां बर्फ होने के बावजूद स्कींइंग और ट्यूब स्केटिंग जैसे मनोरंजन की सुविधा नहीं मिल पा रही है, बुधवार को जिला बाल संरक्षण इकाई ने बाल संरक्षण अधिकारी डा. हीरानंद के नेतृत्व में बारालाचा दर्रा और सूरजताल क्षेत्र में सैलानियों के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाया।