बैसाखी पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. इस त्यौहार को बैसाखी के पर्व के रूप में भी जाना जाता है. बैशाखी का पर्व सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है। साल 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी के नेतृत्व में बैसाखी के दिन ही खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। इसके अलावा बैशाखी मुख्य रूप से एक धन्यवाद दिवस है, यानि जब किसान अपनी फसलों के लिए देवताओं को धन्यवाद देते हैं और भविष्य में ऐसे ही धन -धान्य व समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
गुरु गोविन्द सिंह से जुड़ा है पर्व
इस साल 13 अप्रैल सोमवार को बैशाखी मनाई जा रही है। बैशाखी का पर्व सिखों के 10वें गुरु गोविंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है। साल 1699 में गुरु गोबिंद सिंह जी के नेतृत्व में बैसाखी के दिन ही खालसा पंथ की स्थापना हुई थी। इसके अलावा बैशाखी मुख्य रूप से एक धन्यवाद दिवस है, यानि जब किसान अपनी फसलों के लिए देवताओं को धन्यवाद देते हैं और भविष्य में ऐसे ही धन धान्य व समृद्धि प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
गुरुद्वारों में होती है रौनक
हालांकि इस बार लॉकडाउन के चलते कोई भी पर्व देश हित में मनाने के लिए मनाही है. इस दिन गुरुद्वारों को सजाया जाता है, कीर्तन, संगत आयोजित की जाती हैं। लोग इस दिन परिवार और अन्य लोगों के साथ मिलकर जश्न मनाते हैं, भांगड़ा करते हैं और साथ खाना खाते हैं। इस साल लॉकडाउन के कारण अगर ऐसा करना संभव नहीं है लेकिन फिर भी आप सभी दोस्तों, रिश्तेदारों को बैशाखी की इस पर्व की शुभकामनाएं तो भेज ही सकते है.