कैबिनेट में जाएगा सीबीएसई स्कूल बनाने का मामला

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आगामी सोमवार 15 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में राज्य के सरकारी स्कूलों को सीबीएसई में कन्वर्ट करने का मामला जाएगा। शिक्षा सचिव ने विभाग को इस बारे में एजेंडा तैयार करने को कहा है।

इससे पहले स्कूल शिक्षा निदेशालय ने करीब 227 स्कूलों की लिस्ट शिक्षा सचिव कार्यालय को प्रस्तावित की थी। शिक्षा सचिव कार्यालय ने बुधवार को बताया कि यह लिस्ट फाइनल नहीं है।

दरअसल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस साल 200 सरकारी स्कूलों को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन में परिवर्तित करने की घोषणा कर रखी है।

इस लिस्ट पर शिक्षा सचिव ने डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन, सेक्रेटरी शिक्षा बोर्ड और प्रिंसीपल एससीईआरटी सोलन के साथ नौ सितंबर को बैठक बुलाई थी, लेकिन प्रधानमंत्री के कांगड़ा आने के कारण यह बैठक नहीं हो पाई थी।

अब बुधवार को चर्चा के बाद यह तय हुआ है कि पूरा मामला सीधे कैबिनेट में लाया जाए। इसके दो कारण और भी हैं। स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस फैसले को राज्य के हित में नहीं बताया है।

दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने भी कहा है कि एक स्कूल की सीबीएसई से एफिलिएशन के लिए 70,000 रुपए का खर्चा होगा। साथ ही सीबीएसई की इंस्पेक्शन लायक स्कूलों को बनाने के लिए कुछ बजट भी खर्च करना पड़ेगा।

यह निर्माण कार्यों पर खर्च होगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड का आकलन भी है कि यदि 200 स्कूल एजुकेशन बोर्ड से सीबीएसई में चले गए, तो सालाना 25 करोड़ का नुकसान बोर्ड को उठाना पड़ेगा। इसलिए इसे अब कैबिनेट में ही रखा जाएगा।

बच्चों पर भी बढ़ेगा बोझ

राज्य के बच्चों पर भी इस खर्च का असर होगा, क्योंकि सीबीएसई में एग्जाम फीस से लेकर मूल्यांकन फीस इत्यादि बहुत ज्यादा है। हालांकि शिक्षा विभाग का कहना है कि सीबीएसई पैटर्न में स्कूल चलाने से बच्चों को मदद मिलेगी और नीट, जेईई या एनडीए जैसी परीक्षाएं बच्चे पास कर पाएंगे।

क्या स्कूलों का टीचर कैडर भी अलग होगा?

राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से सीबीएसई में कन्वर्ट होने वाले स्कूलों के लिए क्या अलग-अलग टीचर कैडर होगा? यह भी एक बड़ा सवाल है।

इन शिक्षकों पर टीईटी से संबंधित कोई नई शर्त तो नहीं लगने वाली? साथ ही क्या इनका स्केल भी सीबीएसई के अनुसार होगा? टीचर्स यूनियन के व्हाट्सएप ग्रुप्स में इस तरह के कई सवाल भी पूछे जा रहे हैं।

सीबीएसई और स्कूल शिक्षा बोर्ड के स्कूलों का वार्षिक रिजल्ट तुलनात्मक तरीके से कैसा रहेगा? यह भी देखने वाली बात होगी।

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