चौहार घाटी का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल “बरोट” हुआ पर्यटकों से गुलज़ार

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जोगिन्दरनगर : मंडी-कांगड़ा सीमा से करीब 55 किलोमीटर दूर नैसर्गिक सौन्दर्य से भरपूर चौहार घाटी का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बरोट में पर्यटकों की आमद बढ़ने से कारोबार को फिर से पंख लग गए हैं। उतर भारत में गर्मी बढ़ते ही पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के पर्यटकों की चहलकदमी बढ़ी है।

बरोट का एक भव्य दृश

इससे यहां के होटल, रेस्तरां और काष्ठ शैली के होम स्टे संचालकों की भी आमदनी में इजाफा हुआ है। मंगलवार को मंडी-कांगड़ा सीमा से बरोट वैली की ओर करीब दो सौ वाहन पहुंचे। इनमें पंजाब के पर्यटकों की संख्या अधिक थी।

अप्रैल में बारिश के चलते बरोट वैली में कारोबार फीका था लेकिन मई माह के दूसरे सप्ताह में गर्मी बढ़ जाने से मनाली, कुल्लू के बाद मंडी जिला के इस रमणीक पर्यटन स्थल भी पर्यटकों से गुलजार हो गया है।

यहां की हरी भरी वादियां और प्राकृतिक झरने से पहाड़ों की सुंदरता को निहारने के लिए देश भर के पर्यटक पहुंचना शुरू हो गए हैं। बरोट में होटल कारोबारी अमित, मुनीष, रमेश ने बताया कि अप्रैल में जो पर्यटकों की कमी बरोट वैली में खल रही थी वह मई माह के दूसरे सप्ताह में पूरी हो गई है।

बरोट वैली के लपास गांव में वाटरफाल पर्यटकों का मुख्य आकर्षण बन चुका है। वहीं बड़ागांव, पोलिंग और लोहारड़ी में प्राकृतिक सुंदरता को भी पर्यटक निहार रहे हैं।

हैरीटेज ट्रॉली पर किया रोमांच का सफर
जोगिन्दरनगर के शानन परियोजना के निर्माण के दौरान 1925 में स्थापित एशिया के पहले रोपवे पर दौड़ रही हैरीटेज ट्रॉली पर सेना के उच्चाधिकारियों ने भी रोमांच का सफर पूरा किया।

हेरिटेज ट्रॉली

इसमें मेजर जनरल व लफ्टीनेंट के अधिकारी शामिल रहे। मंगलवार सुबह 11 बजे ट्रॉली से वींचकैंप का सफर पूरा करने के बाद डेढ़ बजे शानन परियोजना पहुंचे सेना के अधिकारियों ने वेट लिफ्ट तकनीक से बनी हैरीटेज ट्रॉली की खूब सराहना की।

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