हिमाचल प्रदेश के डगमगाते वित्तीय हालात को देखकर सुक्खू सरकार नित नए दिन नए फैसले ले रही है, ताकि कर्ज के बोझ को कुछ हद तक कम किया जा सके।
हिमाचल पर इस वक्त 86,5849 करोड़ का कर्जा है, जो कि हर साल बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि सुक्खू सरकार कड़े फैसले ले रही है।
इसी कड़ी में सरकार ने एक और कड़ा फैसला लिया है और वाणिज्यिक गतिविधियां करने वाले उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली न देने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार ने प्रति यूनिट एक रुपए की सबसिडी न देने का फैसला किया है।
घरेलू, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत रहेगी। तीनों श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर सबसिडी मिलती रहेगी।
पांच किलोवाट से अधिक क्षमता वाले मीटर लगाने वाले वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 6.52 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। अधिकांश दुकानदार इसके दायरे में नहीं आएंगे।
होटल, मॉल सहित बड़े कारोबारियों पर सरकार के फैसले का असर पड़ेगा। ऊर्जा सचिव ने राज्य विद्युत विनियामक आयोग को पत्र जारी कर सबसिडी को हटाकर नई बिजली दरें जारी करने का आग्रह किया है।
सरकार ने सिंचाई, पेयजल योजनाओं, स्ट्रीट लाइट, अस्थायी सप्लाई, ईवी चार्जिंग स्टेशन, रेलवे और नॉन डोमेस्टिक और नॉन कामर्शियल उपभोक्ताओं को एक रुपए सबसिडी न देने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू का कहना है कि बिजली सेक्टर में सुधार के लिए होटलों को एक रुपए की सबसिडी दी जाती थी, जिसे अब बंद करने के आदेश दिए हैं।