पालमपुर में बनेगा प्रदेश का पहला हेलिपोर्ट, कृषि विश्वविद्यालय में नौ करोड़ से होगा निर्माण

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हिमाचल प्रदेश में पहले हेलिपोर्ट का मार्ग प्रशस्त हो गया है। प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए हर जिला में एक हेलिपोर्ट बनाने की तैयारी की है और इसी कड़ी में पहला हेलिपोर्ट पालमपुर में बनेगा।

इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय परिसर में उपलब्ध जमीन पर्यटन विभाग के नाम ट्रांसफर हो गई है और अब हेलिपोर्ट निर्माण का काम जल्दी शुरू होने की संभावना बन गई है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र ही तैयार कर दी जाएगी। हेलिपोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में स्थित है, जो पालमपुर शहर से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

उन्होंने कहा कि हेलिपोर्ट के निर्माण पर लगभग नौ करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार पालमपुर को सूचना प्रौद्योगिकी हब के रूप में विकसित कर रही है तथा इस हेलिपोर्ट के माध्यम से जि़ला कांगड़ा में पर्यटन गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।

सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटकों के लिए यात्रा के समय में कमी करने के उद्देश्य से सभी जि़ला मुख्यालयों के समीप हेलिपोर्ट निर्माण करने के लिए प्रयास कर रही है।

सभी जि़ला उपायुक्तों को अपने संबंधित क्षेत्रों में हेलिपोर्ट निर्माण के लिए भूमि चिन्ह्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में भी मदद मिलेगी। इससे मेडिकल एमर्जेंसी में मरीजों को एयरलिफ्ट करने में भी मदद मिलेगी।

हेलिपोर्ट की जगह पालमपुर से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर है और इसके निर्माण पर नौ करोड़ रुपया खर्च आने की संभावना है। जानकारी के अनुसार हेलिपोर्ट बनाने के लिए बजट का प्रावधान सरकार के पास है और ऐसे में यह हेलिपोर्ट जल्द ही लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आठ मार्च के पालमपुर दौरे के दौरान उनको इस संदर्भ में सारी जानकारी मुहैया करवाने के साथ कृषि विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध भूमि और इस योजना को लेकर टूरिज्म विभाग के साथ किए जा रहे पत्राचार के बारे में भी बताया गया था। मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल को इस संदर्भ में आगे की गतिविधियों का जिम्मा सौंपा था।

गोकुल बुटेल की अगवाई में 11 मार्च को संबंधित अधिकारियों के साथ हेलिपोर्ट के संभावित स्थल का दौरा कर अगली कार्रवाई शुरू की गई थी और अब भूमि हस्तांतरण होने से हेलिपोर्ट निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।

गगल में एयरपोर्ट की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे में पालमपुर में हेलिपोर्ट के निर्माण से बैजनाथ, बीड़-बिलिंग और चामुंडा आदि स्थानों पर आने वाले प्र्यटकों को लाभ मिलेगा। करीब 3.17 हेक्टेयर रकबे पर हेलिपोर्ट का निर्माण किया जाएगा और इससे पर्यटन विकास की नई संभावनाएं बनेंगी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा को प्रदेश की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधोसंरचना को और सुदृढ़ करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार का कार्य प्रगति पर है और रनवे की लंबाई 1372 मीटर से बढ़ाकर 3010 मीटर की जाएगी, ताकि यहां पर बड़े विमान भी उतर सकें।

उन्होंने कहा कि पर्यटन सुविधाओं के विकास से पर्यटकों का आवागमन बढऩे और युवाओं के लिए रोजग़ार के अधिक अवसर सृजित होने की उम्मीद है।

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