पांच साल में सेवानिवृत हो गए छह हजार कर्मचारी, रिटायरमेंट ने खाली कर दिया बिजली बोर्ड

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रिटायरमेंट के जश्र में बिजली बोर्ड का दर्द अब छलकने लगा है। तेजी से खाली हो रहे कार्यालयों की जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मचारी कम हो रहे हैं।

महीने की आखिरी तारीख को रिटायरमेंट जारी है, मगर नई भर्ती की फाइलें पाइपलाइन से बाहर नहीं निकल पा रही हैं।बीते पांच सालों में बिजली बोर्ड से करीब छह हजार कर्मचारी रिटायर हुए हैं और इनकी जगह 4300 कर्मचारियों की ही भर्ती हो पाई है।

बोर्ड को सबसे बड़ा नुकसान बीते एक साल हुआ है। दिसंबर 2022 तक 940 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि भर्ती न के बराबर हुई है।

बिजली बोर्ड की फील्ड तेजी से खाली हो रही है। पूर्व में लाइन पर तीन कर्मचारियों की टीम को तैनात किया जाता रहा है, मगर कर्मचारी कम होने की वजह से अब एक ही कर्मचारी के हवाले पूरी लाइन को कर दिया गया है।

जिन क्षेत्रों में बोर्ड आउटसोर्स पर काम चला रहा है, उनमें गुणवत्ता की लगातार शिकायतें पेश आ रही हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के पास भी बोर्ड की खस्ताहाल स्थिति की जानकारी पहुंच चुकी है।

बीते 20 जनवरी को बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के साथ हुई बैठक कर्मचारियों की कमी के मामले पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया है।

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