बच्चों को घटिया क्वालिटी सेब खिलाने के मामले में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले पर 2 दिन में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।
इस दौरान संबंधित शिक्षक से लिखित में जवाब मांगा गया है। मामला जिला के एक मिडल स्कूल का है, जहां मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना के तहत बच्चों को गले-सड़े सेब खिलाए जा रहे थे।
विभाग के निदेशक व समग्र शिक्षा के परियोजना निदेशक इस स्कूल में परख सर्वेक्षण की तैयारी का जायजा लेने पहुंचे थे।
इस दौरान उन्होंने देखा कि स्कूलों में बच्चो को गले-सड़े सेब खिलाए जा रहे हैं। इसके बाद अधिकारियों ने मौके पर शिक्षकों को योजना के तहत बच्चों को अच्छी क्वालिटी के फल खिलाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस योजना के लिए सरकार ने 12 करोड़ रुपए जारी किए हैं। प्रति छात्र 7 रुपए का बजट तय किया गया है और इस बजट के अनुसार इन्हें अच्छी क्वालिटी के फल मुहैया करवाए जा सकते हैं।
हालांकि विभाग ने स्कूल प्रबंधन से मामले पर जवाब तलब किया है, साथ ही सभी स्कूल प्रमुखों व शिक्षकों को ऐसे मामलों की निगरानी के आदेश दिए हैं।
इसमें साफ कहा गया है कि छात्रों के पौष्टिक आहार के साथ खिलवाड़ करने पर सख्त कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी। गौर हो कि इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के छात्रों को हफ्ते में एक दिन मौसमी फल व अंडा देने का प्रावधान किया गया है।