शिमला : हिमाचल प्रदेश में 10 से 15 किलोमीटर के दायरे वाले कम विद्यार्थियों के स्कूल मर्ज कर मॉडल बनाए जाएंगे। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्कूलों के गठन की तैयारी में शिक्षा विभाग जुट गया है।
नवंबर अंत तक सभी जिला उपनिदेशकों से मर्ज करने वाले स्कूलों की सूची मांगी गई है। मॉडल स्कूलों में सभी आधुनिक सुविधाओं सहित हर विषय के शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि गुणात्मक शिक्षा देने के लिए सरकार प्रयासरत है। कई योजनाओं को लेकर काम किया जा रहा है।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कम दूरी पर खुले स्कूलों और शिक्षकों के रिक्त पदों को प्रदेश में शिक्षा का स्तर गिरने के लिए जिम्मेवार माना जा रहा है।
बीते दिनों राज्य सचिवालय में हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में नए स्कूल खोलने की प्रथा को बंद करने की पैरवी की गई। इसी कड़ी में फैसला लिया गया है कि अब 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर प्री प्राइमरी से 12वीं कक्षा तक एक ही स्कूल खोला जाए।
इन स्कूलों में सभी विषयों के शिक्षक नियुक्त हों। बच्चों को पढ़ाई के लिए सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। जिला उपनिदेशकों से ऐसे स्कूलों को एक माह के भीतर चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों में कम बच्चे होने से सरकार पर बढ़ रहे खर्च को भी इस नई व्यवस्था से कम किया जा सकता है।