हिमाचल में 14 जगहों पर रोप-वे जल्द; सुरंगों का होगा निर्माण, देश की सडक़ों की भी बदलेगी तस्वीर

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हिमाचल प्रदेश में 14 रोप-वे स्थानों की पहचान की जा चुकी है और इसे चरणबद्ध तरीके से जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। मंथन, एक स्मार्ट, टिकाऊ रोड इन्फ्रा, मोबिलिटी और लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम की दिशा में विचारों को कार्रवाई में बदलने के लिए एक राष्ट्रीय सम्मेलन का एनएचएआई द्वारा आठ और नौ सितंबर को बंगलुरु में आयोजित किया गया।

जहां कुछ राज्यों के पीडब्ल्यूडी, परिवहन और उद्योग मंत्रियों ने भाग लिया। इस दौरान वह अपने अनुभव और विचार साझा करेंगे। राज्यों के प्रधान सचिवों, मुख्य अभियंता, एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी और एनएच मंडल के मुख्य अभियंताओं ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।

सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया। प्रदेश रोड इन्फ्रा, रोपवे और परिवहन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उद्योग और परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह की अध्यक्षता में एक पूरी टीम भेजी है।

टीम के अन्य सदस्य आरडी नजीम, प्रमुख सचिव, उद्योग और परिवहन, अब्दुल बासित क्षेत्रीय अधिकारी एनएचएआई, अजय शर्मा निदेशक रोप-वे, अर्चना ठाकुर, इंजीनियर-इन चीफ, पीडब्ल्यूडी, पवन कुमार शर्मा मुख्य अभियंता एनएच हैं।

अब्दुल बासित क्षेत्रीय अधिकारी एनएचआई ने बताया कि प्रदेश के रोप-वे को अब प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा ताकि अच्छे परिवहन और पर्यावरण अनुकूल परिवहन मोड को जल्द से जल्द हिमाचल प्रदेश में लागू किया जा सके।

14 रोप-वे स्थानों की पहचान की जा चुकी है और इसे चरणबद्ध तरीके से जल्द से जल्द लागू किया जाएगा। बासित ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश में और अधिक सुरंगों का निर्माण किया जाएगा, ताकि यात्रा में आसानी हो और लैंडस्लाइड के कारण होने वाली बाधा को कम किया जा सके, क्योंकि इस मानसून में, हमने लैंडस्लाइड के कारण अभूतपूर्व क्षति देखी है। बासित ने सीएम को सम्मेलन के लिए प्रदेश से टीम भेजने के लिए धन्यवाद दिया है।

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