हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने की सिफारिश

96

हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने को लेकर सिफारिश की गई है। मुख्यमंत्री ने डिप्टी चीफ मिनिस्टर मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में रिसोर्स मोबिलाइजेशन पर एक कमेटी बनाई थी।

इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पिछली कैबिनेट की बैठक में दी है। अब इस पर सरकार को फैसला लेना है। वर्तमान में रिटायरमेंट की आयु 58 साल है।

कैबिनेट सब कमेटी ने सिफारिश की है कि पेंशन की देनदारी को फिलहाल टालने के लिए राज्य सरकार रिटायरमेंट की उम्र एक साल बढ़ाने का विचार कर सकती है।

यह कदम सिर्फ एक बार उठाया जाए और इसमें यह भी देख लिया जाए कि इसका नए रोजगार पर ज्यादा असर न हो। कैबिनेट में दी गई इस रिपोर्ट के बाद प्लानिंग और वित्त विभाग मिलकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर या गाइडलाइन बना रहे हैं।

इन दोनों विभागों के अधिकारी सब कमेटी में भी थे। अब जल्दी ही गाइडलाइन पर अंतिम फैसला हो जाएगा। इस गाइडलाइन से यह भी लग रहा है कि सरकार फिक्स्ड टर्म से उम्र बढ़ाने के बजाय कोई और फार्मूला भी दे सकती है।

इसलिए संभव है कि यदि रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट पुरानी शक्ल में बहाल हो गई, तो फिर देनदारी को और टालने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वर्तमान वित्त वर्ष का ही अगर बजट देखें, तो राज्य सरकार को पेंशन की अदायगी के लिए 11578 करोड़ चाहिए। पिछले साल से इस बार के बजट में भी वेतन से ज्यादा बढ़ोतरी पेंशन के अमाउंट में हुई है।

कैबिनेट सब कमेटी ने यह सुझाव भी दिया है कि जिन कर्मचारियों या अधिकारियों को पुन: रोजगार दिया जा रहा है, उनकी पेंशन देनदारी भी टाल दी जाए।

वीरभद्र सरकार में भी एक बार हुआ था ऐसा
हिमाचल में सेवानिवृत्ति की आयु को 58 से एक साल बढ़ाकर 59 करने की बात नई भी नहीं है। पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार में भी एक बार ऐसा हो चुका है।

तब भी राज्य को मुश्किल आर्थिक स्थितियों का सामना करना पड़ रहा था। बाद में हालात सुधारने के बाद वापस रिटायरमेंट की आयु को कम कर दिया गया।

Leave a Reply