शिमला: भारी बारिश व भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश में तबाही और मौतों का सिलसिला जारी है। गुरुवार को चार और लोगों की मौत हो गई है। कई अभी लापता हैं। दरारें आने और भूस्खलन के खतरे को देखते हुए राजधानी शिमला और सोलन के नालागढ़ में 12 घरों को खाली करवाया गया है।
कांगड़ा जिले में 309 लोगों को सुरक्षित बचाया
पौंग बांध से छोड़े गए पानी से कांगड़ा के इंदौरा और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्रों में आई बाढ़ के दूसरे दिन भी वायुसेना के हेलिकाप्टर और अन्य माध्यमों से 309 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।
हेलिकाप्टर से घरों की छतों पर राहत सामग्री भी उतारी गई। प्रदेश में पिछले चार दिन के भीतर 70 लोगों की मौत हो चुकी है। 24 जून को हिमाचल में मानसून के पहुंचने के बाद अब तक 330 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
1200 बस रूट ठप
वहीं, मंडी-कुल्लू और सैंज-औट नेशनल हाईवे सहित 875 सड़कें अभी बंद हैं। 1200 बस रूट ठप हैं। चौबीस घंटे के भीतर प्रदेश भर में 185 मकान ढह गए जबकि 392 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्राकृतिक आपदा के चलते अभी तक राज्य को 7659.93 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया जा चुका है।
शिव बावड़ी मंदिर के मलबे से एक और शव निकाला
गुरुवार को राजधानी शिमला के समरहिल में भूस्खलन से जमींदोज हुए शिव बावड़ी मंदिर के मलबे से एक और शव निकाला गया है। मृतकों की संख्या अब 14 पहुंच गई है।
मृतक की पहचान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीएल शर्मा के तौर पर हुई है। शव घटना स्थल से दो किलोमीटर दूर मिला है। पीएल शर्मा की पत्नी का शव पहले मिल गया था।
पौंग झील किनारे महिला का शव मिला
चंबा के सारना में भी एक युवक का कमल खड्ड में चट्टान में फंसा शव मिला है। तीन दिन पहले युवक नहाते हुए बह गया था। पुलिस थाना हरिपुर के अंतर्गत निकटवर्ती पंचायत खैरियां के गांव पंसाल में पौंग झील किनारे एक महिला का शव मिला है। शव की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस थाना सुजानपुर के तहत खैरी पंचायत में ब्यास नदी के बीच टापू पर भी एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला है।
सीएम सुक्खू ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को मंडी के धर्मपुर, सरकाघाट, हमीरपुर के सुजानपुर और भोरंज में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों की समस्याएं सुनीं। चार दिन की छुट्टी के बाद वीरवार को प्रदेश के अधिकांश स्कूलों में बच्चे पहुंचे।
23 अगस्त तक ऐसा रहेगा मौसम
प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में शुक्रवार को मौसम साफ रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शुक्रवार को हल्की बारिश के आसार जताए हैं। राज्य के कई भागों में 23 अगस्त तक प्रदेश में बारिश जारी रहने की संभावना है। गुरुवार को राजधानी शिमला सहित अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। शिमला में शाम के समय बूंदाबांदी हुई।
इस मानसून सीजन में अब तक 330 लोगों की जान गई
इस मानसून सीजन में 24 जून से 17 अगस्त तक 330 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 322 घायल हुए हैं। 1957 घर ढह हो गए हैं। 9344 को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 293 दुकानों व 4072 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है।
मानसून सीजन के दौरान अब तक 7659.93 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। अब तक राज्य में भूस्खलन की 113 और अचानक बाढ़ की 58 घटनाएं सामने आई हैं।
1200 रूटों पर बहाल नहीं हो सकी बस सेवा
प्रदेश में करीब 1200 रूटों पर एचआरटीसी की बस सेवाएं बहाल नहीं हो पाई हैं। ग्रामीण रूटों पर सड़कें बहाल न होने के कारण सबसे अधिक समस्या पेश आ रही है।
चक्की मोड़ पर यातायात बहाल होने के बाद एचआरटीसी ने शिमला से चंडीगढ़ और दिल्ली के लिए एनएच 05 से होकर बसों की आवाजाही शुरू कर दी है लेकिन बसों में यात्रियों की संख्या बहुत कम है।
प्रदेश में एचआरटीसी की बस सेवा पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट पाई है। यातायात के लिए मुख्य सड़कें बहाल होने के बाद एचआरटीसी ने बस सेवा शुरू कर दी है लेकिन ग्रामीण रूटों पर समस्या बरकरार है।
उपमंडल स्तर पर जहां लोकल रूटों पर बस सेवा अभी भी प्रभावित है, वहीं लंबी दूरी के रूटों पर बसाें में यात्रियों की संख्या बहुत कम है। शिमला-दिल्ली रूट पर चलने वाली वाेल्वो में 50 फीसदी से भी कम यात्री सफर कर रहे हैं।