शिमला : हिमाचल पुलिस में कांस्टेबल के 1226 पदों के लिए होने वाली भर्ती शीघ्र शुरू हो सकती है। लोकसेवा आयोग ने गृह विभाग से कुछ और डाटा मांगा है। इस बार पुलिस मुख्यालय द्वारा खुद भर्ती न करने के फैसले के बाद गृह विभाग ने इस भर्ती को लोकसेवा आयोग से करवाने का फैसला किया है।
ये पद क्लास थ्री के हैं, लेकिन राज्य चयन आयोग के पूरी तरह फंक्शनल न होने के कारण शायद ऐसा करना पड़ा, लेकिन अब इस रिक्विजिशन में कुछ कमियों के कारण लोकसेवा आयोग ने इसे अपने एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट कार्मिक विभाग के मार्फत वापस भेजा है।
लोकसेवा आयोग ने यह भी कहा है कि इस पुलिस भर्ती के लिए रूल्स बनाती बार गृह विभाग ने आयोग को कंसल्ट करना चाहिए था।
साथ ही ऑनलाइन एग्जाम करवाने में भी कुछ मुश्किलें जाहिर करते हुए कहा है कि इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद नहीं है। फिजिकल टेस्ट करवाने को लेकर लोकसेवा आयोग ने तर्क दिया है कि उनके मेंबर इस तरह के टेस्ट नहीं करवाते।
लोकसेवा आयोग ने कम स्टाफ होने का भी इसका एक कारण बताया है। आयोग की तरफ से यह भी कहा गया है कि भेजे गए प्रस्ताव में अप्वाइंटिंग अथॉरिटी को पहले डिस्ट्रिक्ट वाइज रिक्विजिशन सबमिट करनी होगी।
यानी हिमाचल पुलिस को पहले यह बताना होगा कि किस जिला में कितने पद भरने हैं। इस प्रस्ताव में स्पोट्र्स पर्सन का कोटा भी नहीं बताया गया है।
महिलाओं के लिए 30 फ़ीसदी आरक्षण
हिमाचल पुलिस में कांस्टेबल के 1226 पद भरने के लिए पहली बार नए नियमों का ड्राफ्ट जनवरी के पहले सप्ताह में जारी हुआ था, जिस पर लोगों से आपत्तियां मांगी गई थीं। फिर इसे फाइनल किया गया, जिसमें महिलाओं के लिए पहली बार 30 फ़ीसदी आरक्षण का भी प्रावधान किया गया।
पिछली बार पुलिस भर्ती खुद पीएचक्यू ने की थी, लेकिन पेपर लीक के बाद यह मामला सीबीआई तक पहुंच गया था। हालांकि अभी तक इसमें किसी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं हुई है।
इसके बाद इस बार पुलिस मुख्यालय ने खुद पुलिस भर्ती नहीं की। यही वजह है कि नई एजेंसी के तौर पर लोकसेवा आयोग को यह भर्ती दी जा रही है। अब आयोग की तरफ से लगाई गई आपत्तियों को कार्मिक विभाग ने बुधवार को ही गृह विभाग को भेज दिया है।