हिमाचल प्रदेश में बेहतर रोड़ कनेक्टीविटी के लिए फोरलेन का जाल बिछाया जा रहा है, सड़क निर्माण का काम भी जोर-शोर से चल रहा है, लेकिन पठानकोट-मंडी फोरलेन पर कांगड़ा एयरपोर्ट के पास गरारी फंस गई है।
यानी राजोल से मटौर तक का फोरलेन फिलहाल अधर में लटक गया है। यह पैच इसलिए लटका हुआ है क्योंकि यहां पर एयरपोर्ट का विस्तार होना है। इसके अलावा फोरलेन के समतल एरिया में काम पूरा हो चुका है।
कोटला के पास सुरंगों का काम भी हो गया है। सडक़ परियोजना में मात्र कुछ बड़े पुलों के काम रोष बचे हैं। जब तक एयरपोर्ट विस्तार के लिए भूमि संबंधि कुछ महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक फोरलेन का कार्य शुरू होना मुश्किल लग रहा है।
इससे क्षेत्र के लोगों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। गगल व आसपास के गांव एयरपोर्ट व फोरलेन के लिए लंबे समय से मचे शोर से परेशान हैं।
फोरलेन के लिए सर्वे आदि हो चुके हैं, लेकिन फाइनल साइट कितनी होगी, इस पर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई। इससे बड़ी बात यह है कि कई लोगों को प्रभावित क्षेत्र से उठने के आदेश कर दिए हैं और उन्हें मुआवजा भी दे दिया है, लेकिन मुआवजा जारी करने की धीमी प्रक्रिया लोगों को बैचेन कर रही है।
गौर हो कि पठानकोट से पालमपुर तक परियोजना का लगभग 60 से 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जिसमें कोटला के निकट सुरंग का निर्माण और कई स्थानों पर पुलों का निर्माण शामिल हैं, लेकिन राजोल-मटौर रोड के लिए भूमि अधिग्रहण संबंधी प्रक्रिया का पूरा न होना काम में देरी का कारण बन रहा है।