अब बाइक्स-स्कूटर चलाने वालों को पहनना होगा यह हेलमेट

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हिमाचल सहित देश की सड़कों पर आए दिन सैकड़ों हादसे होते हैं, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है। बड़ी बात यह है इन हादसों में जान गंवाने वालों में दोपहिया वाहन चालक ज्यादा होते हैं।

सबसे ज्यादा मौतें युवाओं की होती हैं और इनमें से ज्यादातर वे होते हैं, जिन्होंने या तो हेलमेट पहने नहीं होते हैं या पहने भी हों तो वे घटिया किस्म के होते हैं।

इसी के चलते अब दोपहिया वाहन चालकों की जान बचाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जानकारी के अनुसार भारतीय मानक ब्यूरो-बीआईएस ने प्रमाणन के बिना हेलमेट के निर्माण और बिक्री पर सख्त कार्रवाई करते हुए उपभोक्ताओं से सिर्फ बीआईएस-प्रमाणित हेलमेट का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।

सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग तथा बीआईएस ने कहा है कि उसके लिए लोगों की सुरक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस समय सडक़ों पर 21 करोड़ से ज़्यादा दोपहिया वाहन हैं और मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत दोपहिया वाहन चालक को हेलमेट पहनना अनिवार्य है, लेकिन हेलमेट की महत्ता उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करती है।

बीआईएस के अनुसार लोगों की सुरक्षा के लिए उसने घटिया हेलमेट के खिलाफ अभियान भी चलाया है और इसके तहत उसने वित्त वर्ष 2024-25 में 500 से अधिक हेलमेटों का परीक्षण करते हुए 30 से अधिक तलाशी और जब्ती अभियान चलाए हैं। उसक यह भी कहना है कि घटिया या निम्न गुणवत्ता के हेलमेट सुरक्षा से समझौता करते हैं, इसलिए उपभोक्ता को सुरक्षा देने में विफल रहते हैं।

इस समस्या से निपटने के लिए 2021 से एक गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया गया, जिसके तहत सभी दोपहिया सवारों के लिए बीआईएस मानकों के तहत प्रमाणित आईएसआई-चिह्नित हेलमेट पहनना अनिवार्य है।

बीआईएस का कहना है कि गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए वह नियमित रूप से कारखाने और बाजार की निगरानी करता है। पिछले वित्तीय वर्ष में 500 से अधिक हेलमेट नमूनों का परीक्षण किया गया और बीआईएस मानक चिह्न के दुरुपयोग के लिए 30 से अधिक तलाशी और जब्ती अभियान चलाए गए।

दिल्ली में एक अभियान में ऐसे नौ निर्माताओं से 2,500 से अधिक गैर-अनुपालन वाले हेलमेट जब्त किए गए, जिनके लाइसेंस समाप्त हो चुके थे या रद्द कर दिए गए थे। उसका कहना था कि सरकार इस अभियान में सख्त है, इसलिए 17 खुदरा और सडक़ किनारे के स्थानों पर इसी तरह की कार्रवाई के परिणामस्वरूप लगभग 500 घटिया हेलमेट जब्त किए गए, जिन पर कानूनी कार्यवाही चल रही है।

देशभर में सडक़ सुरक्षा बढ़ाने और उपभोक्ताओं को घटिया हेलमेट से बचाने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर देश भर में अभियान शुरू करने के लिए कहा था।

विभाग ने जिला अधिकारियों से इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेने और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के प्रवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का आग्रह किया था। इसके परिणाम उत्साहजनक रहे खासकर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में और यह अभियान अन्य क्षेत्रों में भी फैल रहा है।

सड़क सुरक्षा के लिए हेलमेट अनिवार्यरूप से पहनने के लिए बीआईएस जनजागरूकता अभियान भी चला रहा है। इसके तहत इस साल की शुरुआत में चेन्नई में आईएसआई-मार्क वाले हेलमेट वितरित करने का सफल रोड शो भी आयोजित किया और स्थानीय यातायात अधिकारियों के साथ साझेदारी में सुरक्षा नियमों के पालन को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया।

इस अभियान को विभिन्न मीडिया चैनलों, सोशल मीडिया आउटरीच और नागरिक समाज के सहयोग से आगे बढ़ाया गया है, जिससे आईएसआई-मार्क वाले सुरक्षात्मक हेलमेट के माध्यम से सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा रही है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग का कहना है कि उपभोक्ता संरक्षण और सडक़ सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्ध है और इसके तहत बाजार से घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट हटाकर लोगों को सुरक्षा पहुंचाकर उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित करना है।

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