शिमला : हिमाचल में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि 18 से 80 वर्ष आयु की सभी महिलाओं को जीवनभर के लिए नए वित्तीय वर्ष में 1500 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत करीब पांच लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि इस योजना पर 800 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च होगा। वित्त वर्ष 2024-25 से इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना पूरे प्रदेश में लागू होगी।
इसके लिए फॉर्म भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला लाहौल-स्पीति के बाद वित्त वर्ष 2024-25 से इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया गया है।
योजना से करीब पांच लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा। इसके लिए फॉर्म भरे जाएंगे। इस योजना से प्रत्येक परिवार सीधे-सीधे जुड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि इस योजना पर 800 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च होगा।साथ ही 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को पहले से पेंशन दी जा रही है, जिसे इस योजना के तहत 1150 से बढ़कर 1500 रुपये किया है।
श्री सुक्खू ने शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि एक वर्ष पहले कांग्रेस की सरकार बनी। खराब आर्थिक स्थिति थी, उस पर नियंत्रण साधा।
जिस प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो, कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां थीं लेकिन अपनी सार्थक नीतियों व कार्यक्रमों के बाद हमने इसका सामना किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद राज्य में आपदा आई। करीब चार हजार घर पूरे नष्ट हो गए। परिवारों की सहायता करने के लिए हमने कानून बदल दिया।
जब कांग्रेस सरकार बनी तो जनता को कुछ गारंटियां देने का वादा किया था। श्री सुक्खू ने कहा कि पहली ही कैबिनेट बैठक में पहली गारंटी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया। दूसरी 650 करोड़ रुपये की गारंटी राजीव गांधी स्टार्टअप योजना को तीन चरणों में शुरू की।
तीसरी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने की थी, उसे इस सत्र से पूरा किया जा रहा है। इसमें पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि चौथी गारंटी के रूप में गाय के गोबर खरीद योजना को लागू किया।
गाय के दूध की खरीद में 13 और भैंस के दूध में 23 रुपये की वृद्धि की। प्राकृतिक खेती पर भी एमएसपी को लागू किया। इसमें 40 रुपये गेहूं व 30 रुपये किलो मक्की खरीदने का निर्णय लिया।