पवित्र मणिमहेश यात्रा का छोटा स्नान (जन्माष्टमी) का शुभ मुहूर्त 18 अगस्त रात्रि 9:22 पर शुरू होगा और 19 अगस्त रात्रि 11:00 बजे तक रहेगा। राधाष्टमी पर शाही स्नान (न्हौण) का शुभ मुहूर्त 3 सितंबर शनिवार को 12:29 मिनट से शुरू होगा।
यह 4 सितंबर रविवार सुबह 10:41 मिनट तक रहेगा। यह जानकारी पंडित विपन शर्मा ने दी। इस शुभ मुहूर्त के लिए श्रद्धालु डल झील में स्नान के लिए जुटते हैं।
माना जाता है कि शुभ मुहूर्त शुरू होने पर डल झील का जल बढ़ना शुरू हो जाता है। इसके बाद झील का जल कम होने शुरू हो जाता है। देश के हर हिस्से से शिव भक्त स्नान के लिए पहुंचते हैं।
जम्मू-कश्मीर से शिव भक्त पड़ाव दर पड़ाव अपने देव चिह्नों के साथ पैदल आते हैं। कोरोना के कारण बीते दो सालों से मणिमहेश यात्रा आम श्रद्धालुओं के प्रतिबंधित थी। यात्रा की रस्म अदायगी ही की गई।
इस साल काफी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। प्रशासन ने सही आंकड़ा जानने के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण भी शुरू किया है। श्रद्धालु मणिमहेश जाने से पहले पंजीकरण करवा सकते हैं।
हेली टैक्सी सेवा भी यात्रा के दौरान उपलब्ध होगी। गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से भरमौर क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण भरमौर-हड़सर मार्ग प्रंघाला नाले के समीप बाधित हो रहा है।
गुरुवार को भी यह मार्ग बंद रहा। ऐसे में प्रशासन ने दो दिन तक यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है। रक्षाबंधन के दिन पवित्र अमरनाथ की यात्रा का समापन होने के बाद मणिमहेश की तरफ श्रद्धालु कूच करते हैं।
अभी मणिमहेश यात्रा पर न जाएं श्रद्धालु : प्रशासन
उधर, अधिकारिक तौर मणिमहेश यात्रा शुरू न होने पर भी श्रद्धालु डलझील के लिए कूच कर रहे हैं। गुरुवार को काफी संख्या में श्रद्धालु मणिमहेश के लिए रवाना हुए।
प्रंघाला और आहला नाला के समीप भारी बारिश के कारण इन श्रद्धालुओं को भरमौर के चौरासी परिसर में ही रुकना पड़ा। दूसरी तरफ, प्रशासन ने भी एडवाइजरी जारी की है कि श्रद्धालु अभी यात्रा न करें।
प्रशासन ने लोगों और वाहनों की आवाजाही पर पूर्णतया रोक लगा दी है। कहा कि अधिकारिक तौर पर यात्रा अभी शुरू नहीं हुई है। भरमौर-हड़सर मार्ग पर प्रंघाला और आहला नाला के समीप सड़क क्षतिग्रस्त हुई। इसे दुरुस्त करने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है।
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