अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में फोरलेन समन्वय समिति ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं भूतल मंत्री नितिन गडकरी से मुलाक़ात की। इसमें उन्होंने मंडी-पठानकोट फोरलेन समस्या के बारे में विस्तार से चर्चा की।
समन्वय समिति ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष फोरलेन की जद में आ रहे ग्रामीणों की जमीनों के मुआवजे का मामला उठाया। प्रभावित ग्रामीणों की जमीनों की निशानदेही में गड़बड़ी की शिकायत के साथ-साथ एनएचएआई की ओर से प्रभावितों को विश्वास में न लिए जाने की शिकायत दर्ज करवाई।
पीसीएम पठानकोट-चक्की-मंडी फोरलेन के पांचवें चरण में नारला से मंडी तक बनने वाले डबललेन के लिए एनएचआईए ने जमीन की जो पैमाइश की है, उसके मुआवजे का आकलन बहुत कम दर के हिसाब से किया जा रहा है। प्रदेश सरकार और राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण की ओर से प्रभावितों की जमीनों का सर्किल रेट के आधार पर मूल्यांकन किया जा रहा है।
समिति ने कहा कि यह तर्कसंगत नहीं है। मांग उठाई कि फोरलेन की जद में आने वाले प्रभावितों को मार्केट रेट के हिसाब से फेक्टर-2 लागू कर उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। घटासनी से ग्वाली तक एनएच किनारों में चल रहे शोल्डर कार्य में घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल किए जाने की शिकायत भी दर्ज करवाई।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रतिनिधिमंडल को उनकी मांगों को लेकर आश्वस्त किया। उन्होंने कहा कि इस बारे प्रदेश सरकार से भी जवाब मांगा जाएगा। इस दौरान फोरलेन समन्वय समिति सदस्य नरेंद्र गुलेरिया और रूपलाल भी मौजूद रहे।
ज्ञात रहे कि गत सप्ताह भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सदर उपमंडल मंडी के प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली बुलाया था।
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