एचआरटीसी कर्मचारियों को भी मिलेगा 4 फीसदी डीए

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हिमाचल पथ परिवहन निगम को 4 फीसदी डीए की किस्त मिलेगी। इस मामले को प्रबंधन जल्दी ही निदेशक मंडल की बैठक में लाएगा, जिसमें अपने स्तर पर निर्णय होगा।

यह आश्वासन एचआरटीसी के प्रबंधन ने कर्मचारियों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेताओं को दिया है जिनके साथ सोमवार को प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बैठक की है।

उनके साथ बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बन गई है जिसके चलते ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने अपना एक्शन विड्रा कर लिया है। सोमवार को उन्होंने अपना संघर्ष शुरू करने का एलान किया था जो अब टाल दिया गया है। इसकी जानकारी बाकायदा प्रेस वार्ता में संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष मान सिंह व महासचिव खेमेंद्र गुप्ता ने दी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एचआरटीसी कर्मचारियों के हक में कई एलान किए हैं जिनसे कर्मचारी खुश हैं और संघर्ष समिति भी यही चाहती है कि कर्मचारियों की मांगें पूरी हो।

उसके लिए जरूरी नहीं है कि संघर्ष करना पड़े। अपने हक के लिए कर्मचारी फैसला लेते हैं और फिलहाल सरकार ने उनकी बातों को माना है इसलिए वह हड़ताल पर नहीं जाएंगे।

उन्होंने बताया कि सोमवार को प्रबंध निदेशक के साथ सभी मसलों पर सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई है और उन्होंने अपनी सभी बातों को रखा है। निदेशक मंडल की बैठक जल्द होगी जिसमें सरकार की तर्ज पर 4 फीसदी डीए दे दिया जाएगा। अभी बीओडी की बैठक तय नहीं हुई है।

कर्मचारियों के 55 महीनों का रात्रि भत्ता (नाइट ओवर टाइम) व चिकित्सा बिलों की अदायगी के लिए निगम ने सरकार को पत्र लिखकर ग्रांट जारी करने की मांग की है। इसमें 9 करोड़ रूपए चिकित्सा बिलों की अदायगी व 50 करोड़ रात्रि भत्ते का है।

परिचालकों के ग्रेड पे का मामला सरकार से उठाएंगे
बैठक में निगम में कार्यरत परिचालकों के ग्रेड पे पर भी चर्चा हुई है। अभी उन्हें 1900 रुपए ग्रेड पे मिलती है। परिचालक पंजाब की तर्ज पर 3200 रूपए ग्रेड- पे मांग रहे हैं। बैठक में आश्वासन दिया गया कि इस मामले को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।

कर्मचारियों ने कहा कि रात्रि भत्ते का भुगतान तो प्रबंधन कर रहा है लेकिन इसे निरंतर रूप से दिया जाना चाहिए। ऐसा न हो कि पहले की तरह फिर से पांच साल तक इसका भुगतान न हो। इसलिए हर महीने भुगतान होगा तो मासिक दो करोड़ रूपए का खर्च रहेगा। जिसपर भी सहमति बन गई है।

दफ्तरों से कर्मचारियों को हटाने पर सहमति
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने चालक व परिचालक जो बसों के बजाए बुकिंग खिडक़ी, पेट्रोल पंप व अन्य स्थानों पर ड्यूटी दे रहे हैं उन्हें हटाने को कहा है जिसपर संयुक्त समन्वय समिति ने भी सहमति जताई है।

उन्होंने कहा है कि इन सभी को एकमुश्त हटा दिया और जिनका वहां पर रहना जरूरी है केवल उन्हीं को रखा जाए। यह नीति ऐसे कर्मचारियों के लिए है जो डयूटी देते समय दुर्घटना का शिकार होते हैं या फिर कुछ विशेष कारण रहते हैं।

जो कर्मचारी कनिष्ठ हैं व राजनीतिक पहुंच से दफतरों में काम कर रहे हैं जबकि किसी और पद पर उनकी भर्ती हुई थी उनको तुरंत हटाए जाने की बात इन कर्मचारी नेताओं ने की है। साथ ही उन्होंने निजी बसों को रूट देने के लिए परिवहन नीति में बदलाव न करने की मांग भी की है। क्योंकि इससे पहले सरकार इस नीति में कुछ बदलाव करने की सोच रही है जिसपर इन्होंने अपना विरोध जताया है।

पेंशनर भी चाहते हैं वार्ता
एचआरटीसी के पेंशनरों को अभी प्रबंधन से वार्ता का इंतजार है। उनको मेडिकल रिंबर्समेंट मिल जाएगा, इससे वे लोग भी खुश हैं, लेकिन अभी भी उनकी कुछ और मांगें हैं, जिनको लेकर वह वार्ता चाहते हैं। उन्होंने भी संघर्ष का एलान कर रखा है और इंतजार कर रहे हैं कि उनके साथ कब वार्ता होगी और उनकी मांगों को कब पूरा किया जाएगा।

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