हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला के साथ लगते खनियारा में शुक्रवार को जोरदार बारिश ने भारी तबाही मचाई है । बारिश के चलते इंद्रूनाग मंदिर के साथ लगते नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ ने पूरे इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। इससे एक कार और टेंपो समेत आधा दर्जन वाहन मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि चार दुकानें ढह गईं।
कई घरों, दुकानों और नाले के साथ लगते राशन डिपो में मलबा घुस गया। लोग इसे बादल फटना बता रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने बादल फटने की पुष्टि नहीं की है।
नाले में पानी का जलस्तर बढ़ता देख साथ लगते प्राइमरी स्कूल को समय रहते आनन-फानन में खाली करवा दिया गया। स्कूल नाले से मात्र 15 मीटर की दूरी पर है। जिस समय नाले का जलस्तर बढ़ा, उस दौरान स्कूल में कक्षाएं चल रही थीं।
नाले में आई बाढ़ से दो पुल बह गए, एक मंदिर को भी नुकसान पहुंचा है। गनीमत यह रही कि जिन मकानों में मलबा घुसा है, वे मकान खाली थे, क्योंकि उन मकानों के मालिक दूसरे राज्य में रहते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो क्षेत्र में एक जोरदार धमाके के साथ ही मूसलाधार बारिश शुरू हुई। साथ ही नाले में बाढ़ आ गई। शुक्रवार को किसी कारण से सरकारी राशन का डिपो बंद था, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। हालांकि डिपो में मलबा घुस गया।
उपायुक्त ने दिए राहत और पुनर्वास के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने भारी बारिश से खनियारा में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने राहत और पुनर्वास के कार्यों में भी तेजी लाने के लिए भी कहा है, ताकि प्रभावित लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को भारी बारिश के चलते खनियारा में दो दुकानें, दो मकान और तीन खोखे पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ ही 15 मकान और तीन दुकानें आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ ही 45 भेड़-बकरियां लापता हैं।
इसके अतिरिक्त भी नाग टेंपल रेन शेल्टर, नाग मंदिर गेट भी क्षतिग्रस्त हुआ है। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि सूचना मिलते ही प्रशासन की ओर से तहसीलदार अपूर्व शर्मा की अगवाई में टीम को खनियारा में राहत तथा पुनर्वास कार्य के तत्काल प्रभाव से आरंभ करने के निर्देश दिए गए थे।
उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि भारी बारिश के चलते खनियारा में हुए नुकसान का जायजा लिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों को फौरी राहत भी प्रदान की जा रही है। उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन को लेकर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
इसके साथ ही सभी उपमंडल स्तर भी कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं, ताकि आपदा की सूचना मिलने पर तुरंत प्रभाव से राहत तथा पुनर्वास के कार्यों में तेजी लाई जा सके।
प्रदेश में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट
वहीं, प्रदेश में छह दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश के कई भागों में बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 4 और 5 सितंबर के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 24 घंटों के दौरान नगरोटा सुरियां में 32, भराड़ी 27, बलद्वाड़ा 26, मेहरे 23, बिझड़ी 22, गोहर और बिलासपुर 13-13, भोरंज 9 और नाहन में 3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।