हिमाचल के खजाने को जीएसटी ने दी राहत

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हिमाचल ने जीएसटी की उगाही में नौ फीसदी की बड़ी छलांग लगाई है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार के खजाने में 308 करोड़ 47 लाख रुपए का ज्यादा राजस्व अर्जित हुआ है। राज्य सरकार के 24 घंटे ढाबे और होटल को खुला रखने के फैसले का बड़ा असर देखने को मिला है।

पर्यटकों की आमद बढऩे का असर भी जीएसटी पर देखने को मिला है। पर्यटन से मिले कारोबार और जीएसटी उगाही में अधिकारियों के पूरी ताकत झोंक देने से नौ फीसदी की बड़ी छलांग देखने को मिली है।

आबकारी कराधान विभाग ने 31 मार्च तक 3654 करोड़ 49 लाख रुपए की उगाही हुई है। बीते साल यह आंकड़ा 3346 करोड़ तक सीमित था। अक्तूबर महीने के दौरान हिमाचल को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में तीन फीसदी का उछाल आया है।

मौजूदा वित्तीय वर्ष में 31 अक्तूबर तक जीएसटी की उगाही 1821 करोड़ 98 लाख रुपए पहुंच गई है, जबकि बीत वित्तीय वर्ष में जीएसटी की उगाही से राज्य सरकार को 1769 करोड़ 45 लाख रुपए का राजस्व हासिल हुआ था। इस साल यह बढ़ोत्तरी तीन फीसदी ज्यादा है।

इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (आईजीएसटी) सेटलमेंट में 14 फीसदी का बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार को आईजीएसटी से 2006 करोड़ 11 लाख रुपए का राजस्व हासिल हुआ है। जबकि बीते वित्तीय वर्ष में यह राजस्व 1756 करोड़ 45 लाख रुपए था।

दोनों साल में 249 करोड़ 66 लाख रुपए का अंतर देखने को मिल रहा है। हालांकि रिकवरी रिफंड में चार फीसदी का घाटा जरूर झेलना पड़ रहा है।

रिकवरी का आंकड़ा इस बार 173 करोड़ 60 लाख रुपए दर्ज किया गया है। आबकारी कराधन विभाग के राज्य आयुक्त युनुस ने बताया कि अधिकारियों को जीएसटी उगाही के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर लोगों को जीएसटी चुकाने और आयकर भरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार के फैसले जीएसटी उगाही को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहे हैं।

पर्यटन सीजन बढऩे और प्रदेश में खरीददारी होने की वजह से भी जीएसटी में बड़ा आंकड़ा इस बार दर्ज किया गया है। बीते अक्तूबर महीने में जीएसटी की उगाही में पांच फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

आईजीएसटी में 16 फीसदी की बड़ी छलांग की वजह से अकेले अक्तूबर में 338 करोड़ 59 लाख रुपए की उगाही हुई है, जबकि बीते साल अक्तूबर महीने में आबकारी और कराधान विभाग ने 292 करोड़ 76 लाख रुपए का राजस्व जुटाया था।

दोनों साल में 45 करोड़ 83 लाख रुपए का अंतर देखने को मिला है। हालांकि एसजीएसटी में कोई भी बढ़ोतरी दर्ज नहीं हो पाई है। बल्कि एक करोड़ 12 लाख रुपए का नुकसान जरूर विभाग को उठाना पड़ा है।

बीते साल 231 करोड़ 70 लाख रुपएकी उगाही के मुकाबले में इस साल 230 करोड़ 58 लाख रुपए तक ही विभाग अपना लक्ष्य पहुंचा पाया है।

अक्तूबर महीने में कुल उगाही पर नजर डालें तो 542 करोड़ रुपए का राजस्व शामिल है। जबकि बीते साल 516 करोड़ 25 लाख रुपए का राजस्व ही विभाग हासिल कर पाया था।

दोनों साल में 25 करोड़ 77 लाख रुपए का अंतर देखने को मिल रहा है। दोनों साल के बीच उगाही का कुल अंतर पांच फीसदी का अंतर बना हुआ है।

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