हिमाचल सरकार ने बादल फटने की घटना से घर गंवाने वाले परिवारों को पांच हजार रुपए प्रतिमाह किराया देने का फैसला किया है। यह किराया आगामी तीन माह के लिए दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार राशन, रसोई गैस, कंबल और स्टोव जैसी बुनियादी जरूरतों की वस्तुएं भी मुफ्त प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रभावित परिवारों को 50 हजार रुपए की राशि तत्काल प्रदान करने के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया कि विस्थापित परिवारों को आगे किसी दुख और कठिनाई का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री सुक्खू हादसे के बाद शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंचे थे।
उन्होंने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और समस्या के समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा शीघ्र की जाएगी। सरकार प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राहत और पुनर्वास प्रयासों की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए प्रभावित परिवारों को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने उन्हें दुख की इस घड़ी में मजबूत बने रहने और अपने परिवारों का समर्थन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
सुक्खू ने कहा कि बादल फटने की सूचना मिलने के बाद राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया और जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब तक 55 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।
हादसे में छह लोगों की मौत, 47 अब भी लापता
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधवार रात शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बारिश और बादल फटने से जान-माल दोनों को व्यापक नुकसान हुआ है। इन जिलों में पांच बार बादल फटा और इन क्षेत्रों में व्यापक क्षति हुई। छह लोगों की मौत की पुष्टि अभी तक हो चुकी है और 47 अब भी लापता हैं। उपरोक्त तीन जिलों में 14 मोटर योग्य और पैदल यात्री पुल, 115 घर, 23 गौशालाएं, 10 दुकानें और तीन मछली फार्म नष्ट हो गए हैं। भारी बारिश के कारण राज्य में एक राष्ट्रीय राजमार्ग और पांच सडक़ें भी अवरुद्ध हो गई हैं।
राज्यसभा में हिमाचल की मदद को उठी आवाज
नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बादल फटने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वहां हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्र सरकार को जल्द से जल्द पर्याप्त राशि देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य को पिछले वर्ष आपदा से हुए नुकसान की पूरी भरपाई अब तक नहीं की गई है। उन्होंने इस तरह की आपदाओं से समय रहते निपटने की ठोस कार्ययोजना बनाए जाने की भी मांग की।