मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने करूणामूलक आधार पर नौकरी का इंतजार कर रहे लोगों का विभागों से ब्यौरा तलब किया है। विभागों को जल्द से जल्द आवेदन की जानकारी राज्य सरकार को भेजने के आदेश दिए गए हैं।
राज्य सरकार आवेदकों को लाभ पहुंचाने के लिए सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह आदेश सोमवार को करूणामूलक आवेदकों को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार एक नई करुणामूलक रोजगार नीति बनाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले लोगों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार उदार और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधवाओं और अनाथों को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करने में प्राथमिकता देकर आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। प्रदेश भर में करीब 3200 करूणामूलक हैं जो बीते दो दशक से नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। अब राज्य सरकार की नई नीति बनाने के फैसले से करूणामूलक आश्रितों को भी राहत मिलने की संभावना बनी हुई है।
राज्य सरकार विभागों से आंकड़ा सार्वजनिक होने के बाद इनमें खाली पदों के आधार पर भविष्य में भर्ती प्रक्रिया शुरू कर सकती है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दौरान कहा कि राज्य सरकार कर्मचारी और जनहित के फैसले ले रही है।
पहली कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है ताकि सेवानिवृत्ति के बाद वह सम्मानजनक जीवन जी सकें।
उन्होंने कहा कि सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल के भीतर सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया है। इस मौके पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार सचिव एम. सुधा देवी, राकेश कंवर और सचिव विधि शरद कुमार लग्वाल भी बैठक में उपस्थित रहे। दूसरी ओर करूणामूलक संगठन ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि करूणामूलक आधार पर भर्ती के लिए लंबे समय से आवेदक इंतजार कर रहे हैं। राज्य सरकार विभागों से आवेदन मंगवा कर पालिसी का निर्माण करती है तो इसका फायदा प्रदेश भर में भर्ती का इंतजार कर रहे करूणामूलकों को मिलेगा।
उन्होंने आह्वान किया कि मुख्यमंत्री जब भी करूणामूलक परिवारों के हित में फैसला करें तो इस दौरान संगठन की भी बात सुनी जाए।