वित्तीय संकट के मुहाने पर बिजली बोर्ड, बढऩे लगी वेतन अदायगी की चिंता

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शिमला : हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड अब वित्तीय संकट के मुहाने पर पहुंच गया है। मार्च में एक बार फिर वेतन अदायगी की चिंता बढ़ने लगी है। बोर्ड ने वेतन और पेंशन अदायगी के लिए 250 करोड़ रुपए का ऋण लिया था और बीते तीन महीनों में इसी ऋण से बोर्ड प्रबंधन अपने खर्च चला रहा था, लेकिन फरवरी महीने में ऋण पूरी तरह से खर्च हो चुका है।

इस ऋण और ब्याज को अब बोर्ड प्रबंधन उपभोक्ताओं से हासिल हो रहे राजस्व से चुका रहा है। ऋण की अदायगी से भी बड़ी चिंता बोर्ड के सामने वेतन और पेंशन को लेकर है। बोर्ड को प्रदेश सरकार से सबसिडी के 190 करोड़ रुपए मिलने हैं।

इस सबसिडी की रकम को बोर्ड प्रबंधन आगामी तीन महीने के लिए इस्तेमाल करने वाला है। सबसिडी हासिल करने के लिए राज्य सरकार और बिजली बोर्ड के बीच पत्राचार चल रहा है, लेकिन जब तक बोर्ड को सबसिडी की अदायगी नहीं हो जाएगी, तब तक बोर्ड पर संकट बरकरार रहेगा।

गौरतलब है कि बिजली बोर्ड ने दो माह पहले ऋण लिया था। इस ऋण से ही बोर्ड दिसंबर, जनवरी और फरवरी में वेतन सहित पेंशन की अदायगी कर्मचारियों को की है।

जनवरी में 190 करोड़ रुपए सरकार से सबसिडी के तौर पर बिजली बोर्ड को मिलने थे। यह सबसिडी तीन महीने के लिए थी, अभी तक सरकार ने बोर्ड को सबसिडी की अदायगी नहीं की है।

इस महीने बोर्ड को सबसिडी के 190 करोड़ रुपए नहीं मिले, तो मार्च के वेतन अदायगी में मुश्किलें पेश आ सकती हैं।

बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल ने बताया कि मौजूदा समय में वित्तीय संकट नहीं है। बोर्ड ऋण का भुगतान समय पर कर रहा है।

सरकार से सबसिडी के तौर पर 190 करोड़ रुपए बोर्ड को मिलने हैं, उसे लेकर पत्राचार चल रहा है। बोर्ड अपने सभी खर्च उपभोक्ताओं से राजस्व जुटाकर पूरे कर रहा है।

250 करोड़ रुपए के ऋण की अदायगी भी समय पर ही हो रही है। जिन नियमों और शर्तों पर बोर्ड ने ऋण लिया है, उन्हें पूरी तरह से निभाया जा रहा है।

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