शिमला-कांगड़ा फोरलेन के 37 किमी. रोड़ की डीपीआर को कंसल्टेंसी शुरू

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182 किलोमीटर दूरी वाले प्रस्तावित शिमला-कांगड़ा फोरलेन के टू-लेन बनाए जा रहे 54 किलोमीटर में से जिला कांगड़ा के भंगवार से लेकर हमीरपुर के चीलवाहल के 37 किलोमीटर स्ट्रैच को भी फोरलेन बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।

इसकी डीपीआर के लिए मंत्रालय ने कंसल्टेंसी बुला ली है। सडक़ एवं परिवहन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। दरअसल अभी तक 182 किलोमीटर के इस हाई-वे के 54 किलोमीटर हिस्से में टू-लेन के हिसाब से काम हो रहा था।

इसे लेकर सवाल भी उठने लगे थे कि आखिर पूरा रोड ही फोरलेन क्यों नहीं। हालांकि उसके पीछे कई तरह के तर्क दिए जाते रहे। वहीं चीलवाहल से कोहली तक करीब टू-लेन वाले 17 किलोमीटर स्ट्रैच को लेकर हालांकि अभी संशय बना हुआ है कि यह टू-लेन ही रहेगा या फिर इसे भी फोरलेन में कन्वर्ट किया जाएगा।

हालांकि जिस तरीके से प्रदेश के मुख्यमंत्री और हमीरपुर पार्लिमेंट्री के सांसद केंद्र के समक्ष इस रोड के मसले को उठाते रहे हैं, उसे देखकर तो ऐसा लग रहा है कि आने वाले समय में इस हिस्से को भी फोरलेन में कन्वर्ट करने की मंजूरी मिल सकती है।

एनएचएआई ने इसके लिए प्लान बी भी तैयार रखा है यदि फोरलेन को मंजूरी नहीं मिली, तो इसके पैरलर एक रिंग रोड बनाया जा सकता है।

दरअसल अभी तक भंगवार (कांगड़ा) से कोहली (हमीरपुर) तक 54 किलोमीटर हाई-वे को टू-लेन के हिसाब से ही बनाया गया है। अब इस 54 में से 37 किलोमीटर स्ट्रैच भी फोरलेन ही बनेगा।

गौरतलब है कि भंगवार से पीछे कांगड़ा तक करीब 18 किलोमीटर का मार्ग फोरलेन है। इसी तरह कोहली से आगे भगेड़ तक 36 किलोमीटर मार्ग भी फोरलेन के हिसाब से ही बनाया जाना प्रस्तावित है।

37 किलोमीटर टू-लेन के इस हिस्से के दूसरी ओर भी कुछ और जगह एनएचएआई को एक्वायर करनी होगी। ईं. विक्रम मीणा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर शिमला-कांगड़ा फोरलेन ने बताया कि भंगवार से चीलबाहल तक 37 किलोमीटर हाई-वे को फोरलेन बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।

जहां तक चीलबाहल से आगे कोहली तक रोड की बात है, तो मंत्रालय के निर्देशानुसार काम किया जाएगा।

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