शिमला पहुंचने के बाद निर्देश दे सकते हैं सीएम सुखविंदर सुक्खू,सीमेंट विवाद पर आज बड़ा फैसला

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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार दोपहर बाद शिमला पहुंचने के बाद सीमेंट विवाद पर नए निर्देश दे सकते हैं। इस बारे में राज्य सरकार कोई फैसला भी ले सकती है। हालांकि इससे पहले दो कदम सरकार ने सीमेंट उद्योगों को चला रही अडानी कंपनी के खिलाफ उठाए हैं।

अचानक तालाबंदी पर इन्हें नोटिस देकर एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा गया है। दूसरी तरफ एसीसी और अंबुजा से सरकारी सप्लाई के लिए खरीदे जाने वाले सीमेंट का आर्डर अल्ट्राटेक को शिफ्ट कर दिया गया है।

इस प्रकार के बीच राज्य सरकार ने बातचीत का एक दूसरा चैनल कंपनी के साथ अलग से खोला था। इसकी वजह यह थी कि मैनेजमेंट अहमदाबाद शिफ्ट होने के बाद अधिकारियों से बात वहीं से हो सकती थी। इसके बाद मुख्यमंत्री से दिल्ली में मुलाकात का समय लिया गया था और यह मुलाकात रविवार को दिल्ली में हो गई है।

अडानी ने अपना पक्ष इस मुलाकात के दौरान रखा है। इस पर राज्य सरकार अगला कदम क्या लेती है, यह मुख्यमंत्री के नए निर्देशों से ही पता लगेगा। इधर, राज्य सरकार की ओर से नोटिस देने वाले उद्योग विभाग का रुख किया है कि यदि अडानी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देता है, तो रिमाइंडर भेजा जाएगा।

दूसरी तरफ सोलन और बिलासपुर जिलों के उपायुक्त मंगलवार को दोबारा से बैठक कर कंपनी और ट्रक यूनियनों के बीच में मध्यस्थता काम करेंगे। इस विवाद को सुलझाने के लिए यह तीसरी कोशिश होगी। प्रदेश में सीमेंट कंपनी में चल रहे विवाद के बीच एक बार फिर जिला उपायुक्तों को बैठक लेने का जिम्मा सरकार की ओर से सौंपा गया है।

सोमवार को एसीसी बरमाणा प्लांट को लेकर डीसी बिलासपुर और 20 दिसंबर को सोलन डीसी यह बैठक लेंगे। पिछली बार बैठकें बेनतीजा रही थीं। इस बार उम्मीद है कि इन बैठकों के जरिए रास्ता निकल आएगा। यदि ऐसा नहीं होता है, तो फिर सरकार की ओर से एक बार फिर कारण बताओ नोटिस कंपनी प्रबंधन को जारी होगा। ट्रक ऑपरेटर्स व कंपनी के बीच माल भाड़े को लेकर यह विवाद चल रहा है।

सीमेंट कंपनियों ने सभी पक्षों से मांगा सहयोग

शिमला। प्रदेश के बिलासपुर और सोलन जिला में सीमेंट कंपनी और ट्रक आपरेटरों के बीच चल रहे विवाद सुलझाने के लिए दोनों कंपनियों ने सभी पक्षों से सहयोग की मांग की है।

सीमेंट कंपनियों की ओर से जारी की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अंबुजा और एसीसी दोनों कंपनियां प्रदेश में पेश आ रही समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर प्रयास कर रही हैं। अंबुजा और एसीसी इन मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए परिवहन संघों सहित सभी पक्षों से सहयोग की मांग की है।

छह माह के लिए बर्खास्त हो सकती हैं ट्रक ऑपरेटर की गाड़ी

बिलासपुर। एक ओर जहां बरमाणा बीडीटीएस ट्रक ऑपरेटरों के रोजगार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन अभी भी कई ट्रक ऑपरेटर ऐसे हैं, जो कि इस आंदोलन से कन्नी काटते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन इस तरह की मनमानी बीडीटीएस की ओर से सहन नहीं की जाएगी।

बीडीटीएस कार्यालय सचिव नंदलाल ने दो टूक कहा है कि यदि आंदोलन में इन ऑपरेटरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवाई, तो इस तरह के ऑपरेटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बाकायदा छह माह के लिए ऑपरेटर की गाड़ी को बर्खास्त भी किया जा सकता है।

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