कुल्लू में बादल फटा, मंडी में फ्लैश फ्लड, 21 से ज्यादा घरों को नुकसान, 28 गाड़ियाँ दबीं

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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार तड़के कुल्लू के मौहल के छारशू नाला में बादल फटने से आई बाढ़ ने पिरड़ी होते हुए जिला कुल्लू और मंडी के कई इलाकों में भारी नुकसान पहुंचाया है। वहीँ आज सोमवार भी बारिश लगातार ज़ारी है.

बादल फटने से हुआ नुक्सान

टकोली मंडी और टकोली फोरलेन पर फ्लड के बाद मलबा आ गया। वहीं, मलाणा डैम भी क्षतिग्रस्त हुआ है। कुल्लू व मंडी के अलग-अलग इलाकों में 21 से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ, वहीं 28 गाडिय़ां क्षतिग्रस्त हुई हैं।

कुल्लू के पाहनाला नाले में जलस्तर बढऩे से लोगों के घरों में पानी घुस गया, वहीं एक खोखा भी बह गया। इसी के साथ दोहरनाला में एक वाइन की दुकान को नुकसान पहुंचा है।

बदाह के प्राथमिक विद्यालय में पानी भर जाने से सरकारी स्कूल के भवन को भी खासा नुकसान पहुंचा है। पिरडी में तीन गाडिय़ां बह गई हैं।

खोखन नाले में बाढ़ के कारण भुंतर बाजार की दुकानों में पानी भर गया तथा शुरढ़ चौक के पास सड़क क्षतिग्रस्त हुई व सडक़ में लगी हुई नौ गाड़ियाँ सड़क क्षतिग्रस्त होने से फंसी हुई हैं।

इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय कानूनगो भवन एवं नशा मुक्ति केंद्र में भी पानी घुस आया है।

ग्राम पंचायत रशोल मणिकर्ण में बादल फटने से दो घराट एवं एक पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है। इसी प्रकार, गांव नौरी फाटी कशावरी में भारी वर्षा के कारण एक मकान को नुकसान हुआ है, जबकि मकान में सो रहे तीन लोगों को चोटें आई हैं।

उपमंडल निरमंड के गांव उर्दु कदेह, कुशवा एवं कटेर में भारी वर्षा से तीन किचन और एक गौशाला क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा पांच मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

शालानाला खड्ड में बाढ़ से एफकॉन कंपनी के ऑफिस और कॉलोनी की दीवार टूट गई। कर्मचारियों ने भाग कर जान बचाई। कुल्लू जिला में करीब सात मकानों को नुकसान पहुंचा है, वहीं दस गाडिय़ों का नुकसान की खबर है।

चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी और कुल्लू में जगह-जगह बंद हो गया है। उधर, मंडी को एक बार फिर से फ्लैश फ्लड ने तबाह कर दिया है। कटौला और देवब्रडता में ताजा बारिश के कारण मलबे की चपेट में आकर 14 घर बर्बाद हो गए हैं।

क्षेत्र में भू-स्खलन होने तथा नालों के उफान पर आने से तीन कारें और 15 दोपहिया वाहन मलबे की भेंट चढ़ गए हैं। पुराना कटौला बाजार, टकोली सब्जी मंडी और माहोर पुल सहित औट बाजार में मलबे का साम्राज्य दिखाई दे रहा है।

क्षेत्र में सात गौशालाओं सहित पैदल पुल का भी अस्तित्व मिट गया है। आरंग में फ्लैश फ्लड से दुकानें और गौशालाएं बर्बाद हुई है।

भारी बारिश से उपजे हालातों के बीच एसडीएम सदर मंडी रूपिंदर कौर ने उपमंडल सदर मंडी में सोमवार को सभी सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों और आगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए हैं।

भारी बारिश की वजह से प्रदेश में तीन एनएच 305, 05 और 21 बंद हो चुके हैं, जिन पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। यहां पर भारी पैमाने पर लैंड स्लाइड की वजह से रोड़ ब्लॉक हुए हैं।

वहीं प्रदेश की कुल 352 सडकें पूरी तरह से बंद पड़ी हैं। राज्य को अब तक मानसून की वजह से कुल 2173 करोड़ 54 लाख रुपए का नुकसान पहुंचा है।

प्रदेश में इस मानसून में 263 लोगों की जान जा चुकी है। इसमें सडक़ हादसों के शिकार भी शामिल हैं। 332 लोग आपदा में घायल हुए हैं।

विस्तृृत जानकारी के अनुसार बिलासपुर जिला में एक सडक़ बंद पड़ी हुई है, वहीं चंबा में नौ सडक़ों पर आवाजाही पूरी तरह से अवरुद्ध है। हमीरपुर में एक सडक़, तो कांगड़ा में 27 सडकें बंद हैं।

इसी तरह से किन्नौर में एनएच-05 के साथ पूह सब डिविजन की एक सडक़ बंद पड़ी हुई है। कुल्लू में एनएच-305 के साथ कुल 63 सडक़ें बंद बताई जा रही हैं। लाहुल-स्पीति में भी कुल छह सड़कों पर यातायात बंद है।

सबसे अधिक नुकसान मंडी जिला में है। यहां पर एनएच-21 के साथ कुल 201 सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बाधित है।

युद्धस्तर पर सडक़ों की बहाली का काम चल रहा है, मगर इसमें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है। शिमला जिला में आठ सडक़ें बाधित हैं, जबकि सिरमौर जिला में 28 सडक़ों पर यातायात ठप है।

सोलन में सभी सड़कों को बहाल कर दिए जाने की सूचना है, जबकि ऊना में सात सडक़ें अभी तक बंद पड़ी हुई हैं। प्रदेश भर में 1067 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़े हुए हैं, जिसकी वजह से लोगों को बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है।

प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में 116 पेयजल योजनाएं अभी बाधित हैं, जिनकी बहाली के लिए महकमा जुटा हुआ है।

दो दिन धीमा पड़ेगा मानसून, 21 से फिर भारी बारिश

शिमला। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों में बरसात की रफ्तार धीमी पडऩे की बात कही है, लेकिन सोमवार के लिए भी चंबा व कांगड़ा जिला के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।

मौसम विभाग के अनुसार दो दिनों तक प्रदेश में कुछ राहत रहेगी, परंतु 21 अगस्त से फिर भारी बारिश का दौर शुरू होने की आशंका जताई गई है।

मुख्यमंत्री ने की तीन जिलों में बरसात से हुए नुकसान की समीक्षा

शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को जिला मंडी, कुल्लू और किन्नौर में लगातार भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की।

उन्होंने प्रभावित जिलों के उपायुक्तों से व्यक्तिगत रूप से बात कर क्षति की विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने को कहा है और संबंधित अधिकारियों को अवरुद्ध सड़कों की बहाली एवं राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने और समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कढ़ाई से पालन करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस कठिन समय में प्रदेश सरकार पूरे संकल्प के साथ लोगों के साथ खड़ी है।

उधर जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिला में बॉर्डर से सटे इलाकों में रविवार सुबह तीन जगह बादल फटा। जोद घाटी इलाके में बादल फटने के बाद आई बाढ़ और भू-स्खलन की चपेट में आने से सात लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं।

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